इंदौर के एक शख्स के साथ भी ऐसी ही मुसीबत आई, जब वे परिवार के साथ शिर्डी के साईं बाबा ( shirdi sai baba ) के दर्शन करने परिवार के साथ गए थे। उनकी पत्नी श्रद्धालुओं की भीड़ में कई खो गई, इसके बाद दो सालों से वे उनकी तलाश करते-करते थक गए, लेकिन उनकी पत्नी नहीं मिली।
इंदौर के मनोज सोनी ने आरटीआइ (RTI) दायर कर जानकारी मांगी तो हैरत करने वाला मामला सामने आया है। इसके मुताबिक बीते एक साल में शिरडी से 88 लोग लापता हो गए। यह तो वह आंकड़ा है, जो शिरडी पुलिस के पास दर्ज है। आशंका है कि लापता होने वाले लोगों की संख्या इससे अधिक हो सकती है। लापता लोगों में ज्यादातर महिलाएं है, जो परिजन के साथ दर्शन के लिए शिरडी आई थीं।
मानव और मानव अंग तस्करी की आशंका
बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए पुलिस को मानव या मानव अंग तस्करी (ह्यूमन ट्रेफिकिंग) के नजरिए से जांच के आदेश दिए हैं। पीठ ने अहमदनगर के पुलिस अधीक्षक को जांच के लिए विशेष दल गठित करने का आदेश दिया है।
असहाय हो जाता है परिवार
कोर्ट ने कहा है कि गुम हुए लोगों में अधिकांश साईं बाबा के दर्शन करने आए। जब कोई लापता होता है तो परिवार असहाय हो जाता है। ज्यादातर पुलिस से शिकायत नहीं करते और शायद ही कोई मामला कोर्ट तक पहुंच पाता है।
दो साल से नहीं मिली पत्नी
जस्टिस टीवी नालावडे औऐर एसएम गवान्हे की पीठ ने वर्ष 2018 में इंदौर के मनोज कुमार सोनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाल ही में यह आदेश दिया। 2017 में मनोज की पत्नी शिरडी में गुमशुदा हो गई थी। उसने शिरडी थाने में केस दर्ज कराया। दो साल बीतने के बाद भी पुलिस महिला की तलाश नहीं कर पाई। निराश मनोज ने आरटीआई के तहत 2017-18 के बीच शिरडी से लापता लोगों की जानकारी मांगी। इससे पता चला कि एक साल में 88 लोग गुमशुदा हुए। सोनी ने पुलिस के कई चक्कर काटे पर कुछ हाथ नहीं लगा। इसके बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।