इस मामले में एडीशनएल एसपी क्राइम अमरेन्द्र सिंह चौहान, एटीएस एडीशनल एसपी रामजी श्रीवास्तव और सीएसपी ज्योति उमट ने पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि आरोपियों से करीब तीन घंटे पूछताछ की गई है। करीब तीन घंटे बाद टीम के कुछ सदस्य महिला थाने से रवाना हो गए।
मामले में एसपी पूर्व मोहम्मद युसूफ कुरैशी का कहना है कि दोबारा आरोपी महिलाओं को रिमांड पर लिया जाएगा ताकि इनसे आगे की पूछताछ कर मामले की पूरी जानकारी ले सकें। भोपाल में पकड़ाई तीनों महिलाओं को आज पुलिस कोर्ट में पेश करेगी। इंदौर पुलिस की हिरामत में महिला थाने में मौजूद श्वेता जैन पति विजय जैन, बरखा पति अमित सोनी और श्वेता पति स्वप्निल जैन सहित अन्य आरोपी महिलाएं हैं।
ये था मामला नगर निगम अधीक्षण यंत्री हरभजन सिंह को ब्लैकमेल करने के मामले में इंदौर में पकड़ी गई मुख्य आरोपी के कई अफसरों से नजदीकी संबंध की बात सामने आई थी। इन महिलाओं ने पूर्व मंत्री, बड़े राजनेता और कई आइएएस अफसरों के साथ वीडियो बनाने की जानकारी दी है, हालांकि अफसर इस मामले में फिलहाल कुछ नहीं बोल रहे है। जानकारी के मुताबिक हनीट्रैप गैंग की प्रमुख आरती दयाल के साथ भोपाल के वरिष्ठ आइएएस अफसर का आपत्तिजनक वीडियो वायरल भी हुआ था, जिसमें उन्हें पद से हटाया दिया गया था। बताया जा रहा है, उक्त वीडियो में भी यही युवती है और इसी ने वीडियो बनाया था। अब देखा जा रहा है, उक्त अफसर को तो युवती ने ब्लैकमेल कर लाखों रुपए नहीं वसूले, हालांकि आरोपी ने इनकार किया है।
इस तरह किया हनीट्रैप 1. निगम अफसर युवतियों से मुलाकात के दौरान अपनी पकड़ के दावे करते थे। गिरोह को लगा कि बड़े-बड़े प्रोजेक्ट की बागडोर अफसर के हाथ में है और बड़ी कमाई होती होगी। इस कारण से अफसर को हनीट्रैप किया।
2. मुख्य सरगना महिला पहले रसूखदार व बड़े ओहदे वाले अफसरों से संपर्क साधती। खुद को सरकारी ठेकेदार बताकर काम के बहाने दोस्ती करती। 3. पहले फोन फिर वॉट्सऐप के जरिए बात बढ़ाते और निजी व अंतरंग बातें की जाती। जैसे ही अफसर या जाल में फंसा व्यक्ति भी बात करने में रुचि दिखाता तो उसे मिलने के लिए दबाव बनाया जाता।
4. छोटी मुलाकातों के दौरान भी अंतरंग बातें कर उसे अपने जाल में फंसाया जाता 5. होटल में मिलने के दौरान उसके साथ अंतरंग पल बिताते। इसी दौरान कही स्पॉय कैमरे से तो कहीं खुद ही मोबाइल लेकर वीडियो बना लिया जाता। ।
6. कुछ दिन तक मिलने व वीडियो बनाने का सिलसिला जारी रहता। बाद में वीडियो को वॉट्सऐप पर भेज देते। वीडियो को देख लेने के तुरंत बाद इसे डिलीट कर देते। -इन वीडियो को दिखाकर ब्लैकमेलिंग शुरू की जाती। जैसा अफसर या प्रभावी व्यक्ति होता, उस हिसाब से रुपए की डिमांड की जाती।