आरती दयाल और मोनिका यादव पर आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराएं और बढा दी गई है। जानकारी मिली है कि आरती ने तीन आधार कार्ड बना रखे थे और मोनिका के भी 2 आधार कार्ड है। आरती और मोनिका के वकील ने रिमांड पर आपप्ति जताई थी। हालांकि कोर्ट ने 27 सितंबर तक रिमांड दे दिया है। इस दौरान कोर्ट के रिमांड अवधि बढ़ाने वाले ऑर्डर पर साइन करने से भी दोनों ने पहले इंकार कर दिया था।
मोनिका को लेकर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र का कहना है कि उसका जन्म 2000 में हुआ है। पढ़ाई की फीस के इंतजाम के लिए मोनिका तीन महीने पहले आरती से जुड़ी।
आरती ने कबूला कि वह स्पाय कैमरे से वीडियो तैयार करती थी। मोबाइल से वीडियो बनाने में शंका हो जाती है, इसलिए विशेष स्पाय कैमरा मोबाइल में लगाया था। उसके मोबाइल से इंजीनियर हरभजन के साथ ही कुछ अन्य लोगों के वीडियो भी मिले हैं। इसमें सिर्फ हरभजन को छोडक़र बाकी लोग भोपाल के हैं। वहीं एडीजी वरुण कपूर का कहना है, ब्लैकमेलिंग मामले में पुलिस के सामने जितनी बातें आई हैं, सभी की जांच चल रही है। जो मोबाइल और लैपटॉप जब्त हुए हैं उनकी फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है। अभी किसी और ने शिकायत नहीं की है और न ही किसी को गिरफ्तार किया है।