७०० साल पुराने वीर अलीजा सरकार का स्वर्ण श्रृंगार
पंचकुईया रोड़ स्थित 700 साल पुराने वीर अलीजा सरकार हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में स्वर्ण आभूषणों से श्रृंगार किया गया। बाल ब्रह्मचारी पवनान्दजी महाराज ने बताया कि पंचुकईयां स्थित वीर बगीची में अलीजा सरकार की 700 साल पुरानी खजूर के पेड़ से निकली प्रतिमा हैं। वीर अलीजा सरकार का 50 लाख के स्वर्ण आभूषणों से श्रृंगार किया गया था। वीर अलीजा सरकार को भक्तों मंडल द्वारा 100 ग्राम की स्वर्ण मालाएं, 350 ग्राम का हारए, 390 ग्राम का कंठा, 150 ग्राम के कुंडल, 500 ग्राम के मुकूट से श्रृंगारित किया गया था। वहीं वीर अलीजा सरकार को 15 ग्राम स्वर्ण की बरक से भी सजाया गया था। डेढ़ किलो के स्वर्ण आभूषणों से निखरी वीर अलीजा हनुमान की प्रतिमा के दर्शनों के लिए हजारों की संख्य में भक्त शामिल हुए थे। शाम 5 बजे हुई कांकड़ आरती हुई। वहीं वीर बगीची को आकर्षक किस्म के फूलों से सजाया गया था। जिससे पूरे वीर बगीची महक उठी। वहीं आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी भक्तों द्वारा दर्शनों की विशेष व्यवस्था की गई थी। महाआरती के पश्चात वीर बगीची में 20 हजारों लोगों ने महाप्रसादी का भी आनंद लिया। मंदिर परिसर में भक्तों द्वारा भव्य सुंदरकांड का पाठ भी किया गया। जिसमें भजन गायकों ने अपने भजनों की प्रस्तुति से मध्यरात्रि तक भक्तों को थिरकाए रखा।
पंचकुईया रोड़ स्थित 700 साल पुराने वीर अलीजा सरकार हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में स्वर्ण आभूषणों से श्रृंगार किया गया। बाल ब्रह्मचारी पवनान्दजी महाराज ने बताया कि पंचुकईयां स्थित वीर बगीची में अलीजा सरकार की 700 साल पुरानी खजूर के पेड़ से निकली प्रतिमा हैं। वीर अलीजा सरकार का 50 लाख के स्वर्ण आभूषणों से श्रृंगार किया गया था। वीर अलीजा सरकार को भक्तों मंडल द्वारा 100 ग्राम की स्वर्ण मालाएं, 350 ग्राम का हारए, 390 ग्राम का कंठा, 150 ग्राम के कुंडल, 500 ग्राम के मुकूट से श्रृंगारित किया गया था। वहीं वीर अलीजा सरकार को 15 ग्राम स्वर्ण की बरक से भी सजाया गया था। डेढ़ किलो के स्वर्ण आभूषणों से निखरी वीर अलीजा हनुमान की प्रतिमा के दर्शनों के लिए हजारों की संख्य में भक्त शामिल हुए थे। शाम 5 बजे हुई कांकड़ आरती हुई। वहीं वीर बगीची को आकर्षक किस्म के फूलों से सजाया गया था। जिससे पूरे वीर बगीची महक उठी। वहीं आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी भक्तों द्वारा दर्शनों की विशेष व्यवस्था की गई थी। महाआरती के पश्चात वीर बगीची में 20 हजारों लोगों ने महाप्रसादी का भी आनंद लिया। मंदिर परिसर में भक्तों द्वारा भव्य सुंदरकांड का पाठ भी किया गया। जिसमें भजन गायकों ने अपने भजनों की प्रस्तुति से मध्यरात्रि तक भक्तों को थिरकाए रखा।
भक्तों की संख्या – ६५०००
प्राचीनतम श्री रणजीत हनुमान मंदिर
गुमास्ता नगर स्थित प्राचीनतम श्री रणजीत हनुमान मंदिर में सुबह ५ बजे से भक्तों का आना शुरू हो गया था। पूजा और अभिषेक के बाद जन्मोत्सव आरती हुई। पूरा मंदिर परिसर बाबा के जयकारों से गूंज उठा। सुबह से लेकर देर रात तक अनवरत दर्शन जारी रहे। राजस्थानी परिवेश में बाबा और परिसर को फूलों से ऐसा सजाया गया था कि हर कोई मंत्रमुग्ध था। बाबा की एक झलक के लिए भक्तों के दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। शनिवार होने से भक्तों की संख्या अधिक थी। मंदिर के पूजारी पं दिपेश व्यास ने बताया कि रविवार को सुबह ६ बजे कांकड आरती होगी। उसके साथ ही रामनवमी से शुरू अखंड रामायण का समापन होगा। ३ अप्रैल को शाम ६.३० बजे से भंडारा शुरू होगा।
प्राचीनतम श्री रणजीत हनुमान मंदिर
गुमास्ता नगर स्थित प्राचीनतम श्री रणजीत हनुमान मंदिर में सुबह ५ बजे से भक्तों का आना शुरू हो गया था। पूजा और अभिषेक के बाद जन्मोत्सव आरती हुई। पूरा मंदिर परिसर बाबा के जयकारों से गूंज उठा। सुबह से लेकर देर रात तक अनवरत दर्शन जारी रहे। राजस्थानी परिवेश में बाबा और परिसर को फूलों से ऐसा सजाया गया था कि हर कोई मंत्रमुग्ध था। बाबा की एक झलक के लिए भक्तों के दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। शनिवार होने से भक्तों की संख्या अधिक थी। मंदिर के पूजारी पं दिपेश व्यास ने बताया कि रविवार को सुबह ६ बजे कांकड आरती होगी। उसके साथ ही रामनवमी से शुरू अखंड रामायण का समापन होगा। ३ अप्रैल को शाम ६.३० बजे से भंडारा शुरू होगा।
भक्तों की संख्या – १५००००
प्राचीन पंचमुखी चिंताहरण मंदिर का फूलों एवं चांदी के वर्क से श्रृंगार बड़ा गणपति पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में गुरुवार सुबह श्रृंगार महाआरती में हजारों भक्त शामिल हुए। इस अवसर पर हनुमानजी का मनोहारी और नयनाभिराम श्रृंगार किया गया था। मठ के पं पवन शर्मा ने बताया कि आश्रम स्थित प्राचीन पंचमुखी चिंताहरण हनुमानजी की दिव्य प्रतिमा पर पंचामृत से अभिषेक किया। अखंड रामायणपाठ की पूर्णाहुति भी हुई। संध्या को भोग श्रृंगार महाआरती एवं उसके बाद भजन संध्या का आयोजन शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा। मंदिर स्थित दुर्लभ पंचमुखी हनुमान प्रतिमा का पुष्पों एवं चांदी के बर्क से विशेष श्रृंगार किया गया था। छप्पन भोग समर्पण के बाद महाप्रसादी का आयोजन भी किया, जिसमें 3 हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए।
भक्तों की संख्या – १४०००
प्राचीन पंचमुखी चिंताहरण मंदिर का फूलों एवं चांदी के वर्क से श्रृंगार बड़ा गणपति पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में गुरुवार सुबह श्रृंगार महाआरती में हजारों भक्त शामिल हुए। इस अवसर पर हनुमानजी का मनोहारी और नयनाभिराम श्रृंगार किया गया था। मठ के पं पवन शर्मा ने बताया कि आश्रम स्थित प्राचीन पंचमुखी चिंताहरण हनुमानजी की दिव्य प्रतिमा पर पंचामृत से अभिषेक किया। अखंड रामायणपाठ की पूर्णाहुति भी हुई। संध्या को भोग श्रृंगार महाआरती एवं उसके बाद भजन संध्या का आयोजन शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा। मंदिर स्थित दुर्लभ पंचमुखी हनुमान प्रतिमा का पुष्पों एवं चांदी के बर्क से विशेष श्रृंगार किया गया था। छप्पन भोग समर्पण के बाद महाप्रसादी का आयोजन भी किया, जिसमें 3 हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए।
भक्तों की संख्या – १४०००
ग्यारहमुखी प्रतिमा का महाभिषेक नवलखा स्थित मनकामेश्वर कांटाफोट शिव मंदिर पर शहर में अपने किस्म की हनुमानजी की 11मुखी प्रतिमा का सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में महाभिषेक कर महाआरती की गई। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विष्णु बिंदल ने बताया कि यह प्रतिमा शिव के 11 रूद्र से हनुमानजी के प्राकट्य की शास्त्रोक्त कथा के आधार पर जयपुर के कलाकारों ने बनाई है। वर्ष 1998 में इस प्रतिमा की स्थापना के बाद कांटाफोड शिव मंदिर स्थित हनुमान मंदिर के गर्भगृह को रजतमंडित किया गया है। सुबह से लेकर देर रात तक भक्तों की भीड़ लगी रही।
भक्तों की संख्या – ६०००
भक्तों की संख्या – ६०००