इंदौर

Indore News : प्रवासी भारतीय सम्मेलन…मेहमानों के लिए तैयार हराभरा ट्रेंचिंग ग्राउंड

नगर निगम प्रेजेंटेशन देकर दिखाएगा पहले कैसा था, अब कैसा हो गया, बताएंगे कैसे बना एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट

इंदौरJan 04, 2023 / 11:03 am

Uttam Rathore

Indore News : प्रवासी भारतीय सम्मेलन…मेहमानों के लिए तैयार हराभरा ट्रेंचिंग ग्राउंड

उत्तम राठौर
इंदौर. स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार छह बार से देश में अव्वल आ रहा है। इस वर्ष होने वाले सर्वेक्षण में सत्ता लगाने की तैयारी है। इंदौर की सफाई, कचरा प्रबंधन और सौंदर्यीकरण का डंका देश-विदेश में बज रहा है, इसलिए प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आने वाले मेहमानों को ट्रेंचिंग ग्राउंड भी दिखाया जाएगा, जो हराभरा हो गया है।
प्रवासी भारतीयों को दिखाएंगे कि पहले ट्रेंचिंग ग्राउंड कैसा था और अब कैसा हो गया है। इसे एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट कैसे बनाया गया है। किसी ने सोचा नहीं था कि ट्रेंचिंग ग्राउंड पर जमा हुए कचरे का पहाड़ कभी नष्ट होगा। सुंदर बगीचा बनेगा और आकर्षक पेड़-पौधों के साथ हरियाली आएगी। ऊबड़-खाबड़ और गंदगी वाले क्षेत्र में करोड़ों रुपए के कचरा प्रोसेसिंग प्लांट लगेंगे। यह सब कुछ हुआ सात साल के अंदर।
इस दौरान नगर निगम ने ऐसा करिश्मा कर दिखाया कि आज बायपास स्थित देवगुराडिय़ा के 139 एकड़ में फैला ट्रेंचिंग ग्राउंड सिटी फॉरेस्ट के रूप में विकसित हो गया है। जिस ट्रेंचिंग ग्राउंड के पास से गुजरना मुश्किल होता था। आज यहां पर बैठकर खाना खाया जा रहा है। यहां स्थापित बायो सीएनजी प्लांट एशिया का सबसे बड़ा प्लांट है। इसे देशी-विदेशी मेहमानों को दिखाया जाएगा। इसके लिए ट्रेंचिंग ग्राउंड को संवारा गया है। यहां मेहमानों को प्रेजेंटेशन देकर सब कुछ बताया जाएगा।
ऐसे बदली सूरत

देवगुराडिय़ा रोड के ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे के विशालकाय पहाड़ से दिनभर बदबू निकलती थी। इससे आसपास के गांवों के लोग परेशान रहते थे। कचरे के ढेर में आए दिन आग लगने से होने वाले प्रदूषण से पूरा इलाका दूषित रहता था। केंद्र सरकार का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान शुरू होने के बाद ट्रेंचिंग ग्राउंड की दशा बदलना शुरू हो गई। ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे के पहाड़ को नष्ट करने की प्लानिंग निगम ने की और काम शुरू किया। इसके तहत ढेर में से कचरे को अलग-अलग छांटा गया और जो मिट्टी में तब्दील हो गया था, उसे पूरी तरह फैलाकर अलग से और मिट्टी डालकर पौधे लगाकर सिटी फॉरेस्ट विकसित कर दिया गया।
पौने दो लाख पौधे लगाए

ट्रेंचिंग ग्राउंड कुल 139 एकड़ में फैला है। इसमें से 100 एकड़ में सिटी फॉरेस्ट है। 15 एकड़ में सीएनजी प्लांट, 15 एकड़ में मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट, 5 एकड़ में सीएनजी प्लांट और 4 एकड़ में ऑफिस, पार्किंग व हॉल आदि शामिल हैं। कचरे के पहाड़ हटने के बाद खाली हुई 100 एकड़ जमीन पर पौने दो लाख पौधे लगाकर सिटी फॉरेस्ट तैयार किया गया है। इसके चलते अब ट्रेंचिंग ग्राउंड पूरी तरह हरा-भरा हो गया है। सिटी फॉरेस्ट की देखरेख के लिए 50 कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
Indore News : प्रवासी भारतीय सम्मेलन...मेहमानों के लिए तैयार हराभरा ट्रेंचिंग ग्राउंड
एक नजर में

– शहर का रोज आता है 600 टन गीला और 500 टन सूखा कचरा। कचरे की छंटनी कर प्लास्टिक, लोहा, चमड़ा, बोतल, इलेक्ट्रिक सामान आदि अन्य को अलग-अलग किया जाता है।
– सीएनजी प्लांट को दिल्ली की एक कम्पनी चला रही है।
– मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) प्लांट नेप्रा कम्पनी चला रही है।
– कंस्ट्रक्शन एन डेमोलेशन (सीएनडी) प्लांट इसे इंदौर की अभी नामक कम्पनी चला रही है।
– इंदौर में एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट है।
– सीएनजी प्लांट, एमआरएफ प्लांट और सीएनडी प्लांट से मिलाकर निगम को हर साल 4 करोड़ 9 लाख रुपए इनकम होती है।

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