जियो टैगिंग प्रक्रिया में विभाग ने वेबसाइट पर सभी 4928 लोकेशन की गूगल मैपिंग की है। इसमें नई-पुरानी कॉलोनियों और टाउनशिप सहित सभी को शामिल किया है। यह व्यवस्था जल्द ही काम करना शुरू करेगी। प्रदेश में रजिस्ट्री प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के बाद संपदा सॉफ्टवेयर का वर्जन-2 तैयार किया जा रहा है। इसमें मौजूदा खामियों को दूर कर ऑनलाइन की सुविधा दी जा रही है। अभी सबसे बड़ी समस्या शहर में प्रॉपर्टी की लोकेशन और गाइडलाइन कीमत मालूम करना है। इसकी जानकारी के लिए वार्ड नंबर, क्षेत्र, कॉलोनी का नाम व अन्य स्थितियों का पता होना चाहिए। इसके बाद प्रशासन या विभाग की वेबसाइट से गाइडलाइन डाउनलोड करनी होती है, फिर लोकेशन ढूंढकर दाम पता करते हैं। विभाग ने इस मशक्कत को दूर करने का प्रयास किया है।
पंजीयन विभाग ने संपदा-टू सॉफ्टवेयर में बदलाव दो चरण में पूरा किया है। पहले चरण में सभी लोकेशन को गूगल मैप पर चिन्हित करते हुए आवासीय, व्यावसायिक व कृषि भूमि की गाइडलाइन की इंट्री की। यह कार्य पूरा हो गया है। अब इसे एक ऐप से जोड़ा जा रहा है। इसके बाद किसी भी स्थान की प्रॉपर्टी के सरकारी दाम मोबाइल पर देखे जा सकेंगे। उप महानिरीक्षक पंजीयक बीके मोरे का कहना है, संपदा को और बेहतर बना रहे हैं। जियो टैंगिंग से लोकेशन पर ही गाइडलाइन रेट पता होने से खरीदारों को आसानी होगी।