इंदौर। वो बोल नहीं सकती, कुछ सुन नहीं सकती, उसे न अपने माता-पति का पता है न अपने रिश्तेदारों का। एक दिन वो भटकते हुए पाकिस्तान पहुंच गई थी। जिसे वहां से इंदौर लाया गया था और इंदौरवासियों ने उसे अपनी बेटी माना था। इस मूकबधिर बेटी का नाम है गीता। गीता अब इशारों में अपने इंदौरवासियों को जिंदगी जीने का संदेश दे रही है। उसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी शेयर हो रहा है। लोग उसके संदेश को समझ भी रहे हैं और मानने को भी कह रहे हैं।
मध्यप्रदेश में कोरोना का सबसे ज्यादा असर इंदौर में पड़ा है, यहां कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 900 के पार होने जा रही है। मौत भी सबसे ज्यादा इंदौर में ही हुई है। मध्यप्रदेश में 72 मौतों में से 50 मौत इंदौर में हुई है।
गीता बोली- सावधानी रखें
गीता ने अपने वीडियो संदेश में लोगों से लॉकडाउन का पालन करने की अपील की। उसने साइन लैंग्वेज में कहा कि पूरे विश्व में कोरोना महामारी बढ़ती जा रही है। मैं मूक बधिर संस्था में सुरक्षित हूं। मेरे साथ यहां और भी लड़कें-लड़कियां सावधानी और धैर्यपूर्वक रह रहे हैं। इस संस्थान में वो बच्चे हैं जो दूसरे शहरों से आकर पढ़ रहे हैं और अपने घर नहीं जा पाए थे। गीता ने कहा कि हम सभी मास्क का उपयोग करते हैं। थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ भी धोते रहते हैं। दूरियां बनाकर रखते हैं। आप भी ऐसा करें। गीता ने कहा कि मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि यह महामारी विश्व से जल्द चले जाए।
कौन है गीता
पहली बार गीता जब सुर्खियों में आई थी, जब वो सीमा पार करने के बाद पाकिस्तान के पंजाब पहुंच गई थी। वहां उसे रेंजर्स ने दिखा था। मूक-बधिर होने के कारण रेंजर्स उसे लाहौर के ईदी फाउंडेशन ले गए। उसके बाद कराची के शेल्टर होम में पहुंचा दिया गया था। कराची में मदर आफ पाकिस्तान के नाम से मशहूर बिलकिस ईदी ने इस लड़की का नाम गीता रखा था। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयासों के बाद 28 अक्टूबर 2015 को गीता भारत आ सकी थी। कराची से भारत आने के बाद गीता इंदौर स्थित मूक-बधिरों की संस्था में ही रह रही है।
मध्यप्रदेश में अब तक 1407 संक्रमित है, इनमें से सबसे ज्यादा इंदौर में 890, भोपाल में 243 पॉजिटिव हैं। मध्यप्रदेश में अब तक 72 की मौत हो गई है जिनमें से सबसे ज्यादा 50 मौत इंदौर में हुई है। प्रदेश में 131 मरीज ठीक भी हुए हैं।