मंदिर समिति का कहना है कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर 7 सितंबर को पहले दिन यहां 3 लाख भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है, वहीं 10 दिन में 15 लाख ले ज्यादा श्रद्धालु खजराना गणेश मंदिर में दर्शन करने की संभावना है।
इंदौर के खजराना मंदिर प्रशासन का कहना है कि इस बार हरितालिका तीज से गणेश चतुर्थी तक मंदिर भी रातभर भक्तों के दर्शन के लिए खुला रहेगा। पूरा उत्सव जीरो वेस्ट इवेंट के रूप में मनाया जाएगा।
पहले दिन 3 करोड़ के गहनों से होगा श्रृंगार
ऐसे में मंदिर प्रशासन ने व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करनी शुरू कर दी हैं। दस दिन तक चलने वाले उत्सव में पहले दिन भगवान का करीब 3 करोड़ के स्वर्ण मुकुट और स्वर्णाभूषणों से श्रृंगार किया जाएगा। इसके साथ ही सवा लाख मोदक का भोग लगाया जाएगा। मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उज्जैन के महाकाल मंदिर जैसी जिगजैग रेलिंग की व्यवस्था की है। जिससे एक बार में करीब 5 हजार भक्त मात्र 20 मिनट में बप्पा के दर्शन कर सकेंगे।
पहले दिन करीब 3 लाख लोग करेंगे दर्शन
10 दिनों (7 सितंबर से 17 सितंबर) तक चलने वाले गणेश उत्सव में पहले दिन करीब 3 लाख भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है। वहीं भगवान गणेश के खास दिन बुधवार और रविवार को करीब 2 लाख भक्तों के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं की गई हैं। वहीं गणेश उत्सव में अन्य दिनों में रोजाना करीब 1 लाख भक्तों के पहुंचने की संभावना है।ध्वजा पूजन से होगी शुरुआत, सवा लाख मोदक का लगेगा भोग
7 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन मंदिर प्रशासन और पं. अशोक भट्ट के साथ अन्य ब्राह्मण सुबह 9.30 बजे ध्वजा पूजन करेंगे। इस दौरान करीब 3 करोड़ रुपए की लागत से बने नए स्वर्ण मुकुट से भगवान गणेश का श्रृंगार किया जाएगा। यह स्वर्ण मुकुट भगवान के खजाने से साल में केवल दो बार मकर संक्रांति और गणेश चतुर्थी पर ही निकाला जाता है। इस दौरान गणेशजी को तिल-गुड़ के लड्डू के साथ सवा लाख मोदक का भोग भी लगाया जाएगा। इसके बाद इन्हें प्रसाद के रूप में बांटा जाएगा। भगवान गणेश का रोजाना अलग-अलग प्रकार के फूलों और मोतियों की माला से श्रृंगार किया जाएगा।
हर दिन फूलों से सजेगा मंदिर परिसर
गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) के दौरान हर दिन सुबह मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा। पहले दिन पुष्प बंगला सजेगा। इस दौरान रात की आरती के बाद हर दिन 11 हजार लड्डुओं का भोग लगेगा। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर सवा लाख मोदक का भोग लगने के बाद अगले 9 दिन तक भगवान को अलग-अलग लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा। इनमें गोंद के लड्डू, अजवाइन-सोंठ के लड्डू, बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू, उड़द के लड्डू, मूंग के लड्डू, चावल के लड्डू, बड़ी बूंदी के लड्डू, तिल्ली के लड्डू और ग्यारस के दिन फरियाली लड्डुओं का भोग भी लगाया जाएगा। सभी दिन 11-11 हजार लड्डूओं का भोग लगेगा।
सुबह 5 बजे से रात 12 बजे तक होंगे दर्शन
पंडित अशोक भट्ट ने बताया कि गणेश चतुर्थी के 10 दिन के पर्व पर रोजाना सुबह 5 बजे से रात 12 बजे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे। इस दौरान सुबह और रात को 8 बजे आरती होगी। वहीं 7 सितंबर को चतुर्थी के दिन दोपहर 12 बजे भगवान के जन्म की आरती की जाएगी। श्रद्धालुओं को दर्शन सुलभ तरीके से दर्शन के लिए जिगजैग और स्टेपिंग की व्यवस्था की गई है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए भगवान गणेश की दर्शन व्यवस्था को देखते हुए महाकाल मंदिर के तर्ज पर जिगजैग रेलिंग लगाई गई। बारिश की संभावना को देखते हुए रेलिंग को शेड से कवर किया गया है।
20 मिनट में दर्शन की व्यवस्था
जिगजैग रेलिंग में एक बार में करीब 5 हजार लोग खड़े हो सकेंगे। इससे फायदा यह होगा कि पांच कतारें एक साथ चलेंगी। गर्भगृह के ठीक सामने 5 स्टैप लगाई गई हैं, जिनमें एक बार में करीब 200 भक्त आसानी से दर्शन पा सकेंगे। मंदिर में प्रवेश और दर्शन करने में करीब 20 मिनट का समय लगेगा। ये भी पढ़ें: Road Accident: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर भीषण हादसा, सरपंच के बेटे समेत 4 की मौत Tikadam 2: मध्यप्रदेश बना बॉलीवुड का फेवरेट डेस्टिनेशन… जल्द शुरू होगी तिकड़म 2 की शूटिंग