खजराना स्थित गणेश मंदिर में विराजमान विघ्नहर्ता की आंखे हीरे से सजी होती थी। ऐसा माना जाता है कि, आज से कई साल पहले कुछ चोरों ने उनकी आंखों में लगा हीरा चुरा लिया था, जिसके बाद कई दिन उनकी आंखों से दूध निकलता रहा।
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पूरी होती है मांगी गई हर मुराद
ये मंदिर अपनी खूबसूरत दीवारों और गेट के लिए भी दुनियाभर में मशहूर है, क्योंकि मंदिर की दीवार को चांदी से बनाया गया है, जिसपर कमाल की नक्काशी की गई है। सालभर यहां भक्त बप्पा के दर्शन के लिए आते रहते है। गणेश चतुर्थी के दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है। मंदिर को फूलों से सजा दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि, इस दस दिनों के इस पर्व के दौरान बप्पा से मांगी गई सारी मुरादे पूरी होती हैं। यह भी पढ़ें- एमपी में भीषण सड़क हादसा, बागेश्वर धाम से लौट रहे राजस्थान के 4 श्रद्धालुओं की मौत 6 गंभीर, CCTV आया सामने
रोचक है खजराना गणेश का इतिहास
बताया जाता है कि खजराना गणेश मंदिर का निर्माण 1735 में होल्कर वंश की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने कराया था। इसके निर्माण के पीछे भी एक बहुत रोचक कहानी फेसम है। ऐसा माना जाता है कि वैद्य मंगल मूर्ति भट्ट नामक व्यक्ति को सपना आया था जिसमें गणेश जी ने उसे बताया था कि ‘जहां तुम गाय चराने जाते हो वहां मैं हूं, मुझे यहां से बाहर निकालों।’ वैद्य मंगल मूर्ति भट्ट ने यह जानकारी तत्कालीन महारानी अहिल्याबाई होल्कर को दी। भट्ट की बात सुनकर महारानी ने अपने दूत भेजकर यहां से गणेश जी की मूर्ति को निकाला। वैद्य ने इस मूर्ति को एक टीले पर रख दिया, जिसके बाद मूर्ति को उस स्थान से कोई हिला नहीं सका। महारानी ने फिर यहीं मंदिर का निर्माण कराया। ये सारी जानकारी वैध मंगल मूर्ति भट्ट के वंशज पंडित अशोक भट्ट ने दी है।