कार्यक्रम के दौरान हिन्दी परिवार की ओर से प्रकाशित सदस्यों की निर्देशिका और कहानी-कविता संग्रह चार अंगुल का लोकार्पण भी किया गया। चार अंगुल में ११ साहित्यकारों की लघुकथाएं हैं और ४८ कवियों की कविताएं हैं। इस अवसर पर एक लघु प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें हिन्दी परिवार के आयोजनों की तस्वीरें और हिन्दी परिवार की ओर से प्रकाशित पुस्तकों की प्रतियां रखी गईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता शरद पगारे ने की। मुख्य अतिथि डॉ. वंदना अग्निहोत्री थीं। अतिथियों का स्वागत पद्मजा वाजपेयी और अरविंद ओझा ने किया। सम्मान पत्र वाचन प्रभु त्रिवेदी, संतोष मोहंती और श्रीति राशिनकर ने किया। संचालन हरेराम वाजपेयी ने किया।
फोटो- रवीन्द्र सेठिया