इंदौर

जमीन के लिए पुलिस-पंचायत में शह-मात का खेल

बिहाडिय़ा-सनावदिया में बन रही नई डीआरपी लाइन, जमीन को आबादी में घोषित कराने में जुटी पंचायत, सरकारी जमीन खाली कराने में जुटा अमला

इंदौरApr 23, 2022 / 11:03 am

Mohit Panchal

जमीन के लिए पुलिस-पंचायत में शह-मात का खेल

इंदौर। कमिश्नरी लागू होने के बाद पुलिस नए सिरे से अपना सेटअप जमाने में लगी हुई है। ग्रामीण क्षेत्र में भी एक डीआरपी लाइन बनाने की तैयारी चल रही है। इसमें पंचायत ने अड़ंगा लगाने की कोशिश की, तब पुलिस को अपनी
वाली पर आना पड़ा। सभी को सबक सिखाया जा रहा है। इधर, प्रशासन भी जमीन से कब्जे खाली कराने में जुट गया है।
पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद इंदौर में बड़ी संख्या में पुलिस बल आ रहा है। उसके हिसाब से नई डीआरपी लाइन बनाने का काम चल रहा है। इसको लेकर पुलिस विभाग ने प्रशासन से जमीन मांगी थी, जिसके लिए प्रशासन ने रालामंडल के ठीक नीचे की जमीन दिखाई थी। ये बिहाडिय़ा के सर्वे नंबर 264 और सनावदिया के सर्वे नंबर 762/2, 669/3 669/4 और 669/5 व अन्य सरकारी खसरे की करीब 24 बीघा जमीन है। 8 फरवरी को ग्रामीण आईजी व डीआईजी मौके पर पहुंचे और हरी झंडी दे दी। जमीन दिए जाने की तैयारियां शुरू हो गई। इसकी भनक लगने पर पंचायत के प्रधान व सचिव ने दांव खेलने का प्रयास किया।
15 मार्च को कलेक्टर मनीष सिंह को पत्र लिखकर जमीन को आबादी की घोषित करने की मांग की। उन्हें मालूम था कि मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ गरीबों को पट्टा देने की योजना प्राथमिकता पर है। जैसे ही पत्र आया, वैसे ही अफसर समझ गए कि कोई कलाकारी कर रहा है। इस पर सचिव को जमकर फटकार लगाई गई।
जैसे ही गेंद उसके पाले में आई, वैसे ही उसने प्रधान (पूर्व सरपंच ) पर मामला ढोल दिया। प्रधान ने तहसीलदार के बोलने पर पत्र देने की बात कही, जिससे वे कठघरे में आ गए। तीन दिन पहले एडीएम पवन जैन और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। तय किया गया कि जमीन से पक्के निर्माणों को हटाया जाए। अनेक प्लॉट धारकों को नोटिस दिए गए। साफ कर दिया कि वे तुरंत अपने कब्जे हटा लें, नहीं तो कार्रवाई होगी।
विरोध करने वाले हवालात में
कार्रवाई के दौरान कुछ प्लॉटधारियों ने विरोध करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उनका इलाज कर दिया। प्रतिबंधित धारा में प्रकरण बनाकर हवालात दिखवा दी। मजेदार बात ये है कि कॉलोनी काटने वाला जमीन का जालसाज व फरार आरोपित राकेश यादव मौके से गायब हो गया। उसके लड़के हरिओम के साथ में छगन पिता रणछोड़ को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
जमीन की चल रही नपती
एडीएम पवन जैन ने तहसीलदार राजेश सोनी को स्पष्ट कर दिया कि वे दो दिन में सीमांकन करके रिपोर्ट देवें। वे जमीन आवंटन से पहले सीमांकन कर सारी बाधाओं को दूर करना चाहते हैं, जिसके लिए आरआइ व पटवारी को निर्देश दिए कि सर्वे करके रिपोर्ट पेश करें। तहसीलदार सोनी के साथ आरआई प्रकाश शर्मा व भागीरथ चौहान, पटवारी विजय शर्मा व कैलाश चौधरी नपती करते रहे।
न्यूज टुडे ने किया था घोटाले का खुलासा
पौने दो साल पहले रालामंडल पहाड़ी के ठीक नीचे वाले हिस्से की ग्राम बिहाडिय़ा के सर्वे नंबर 264 की 15 बीघा सरकारी जमीन पर अवैध कॉलोनी काटकर प्लॉट बेचने का खेल शुरू हुआ। राकेश यादव, जितेंद्र पिता जयनारायण, सतीश पिता छगन और नीलेश पिता छगन ने 20 बाय 40 व 15 बाय 40 के ह्रश्वलॉट काटकर बेचने शुरू किए। 300 से अधिक ह्रश्वलॉट के सौदे कर दिए, जिसका खुलासा न्यूज टुडे ने 30 नवंबर 2020 को ‘मात्र डेढ़ लाख में सरकारी जमीन पर ले लो ह्रश्वलॉटÓ के शीर्षक वाली खबर से किया था। उसके बाद प्रशासन ने राकेश यादव पर मुकदमा दर्ज करवाया था।

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