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‘सरल और सहज व्यक्तित्व के धनी थे अटल जी’
अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि, वो बहुत सरल और सहज व्यक्तित्व के धनी थे। मेरी शादी पर वो दिल्ली से फूलों से बने गहने लेकर आए थे। जब वो प्रधानमंत्री बने, तब माला अपने बच्चों के साथ दिल्ली गई, तो उन्होंने प्रधानमंत्री निवास को दिखाते हुए कहा था, ‘देखो कितना बड़ा और कितना अच्छा है, देखने में अच्छा है, लेकिन ये कांटों से भरा एक ताज है।’
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अटल फाउंडेशन चलाती हैं मामला तिवारी
माला तिवारी अटल जी के बड़े भाई सदा बिहारी वाजपेयी की सबसे छोटी बेटी हैं। उन्होंने अटल जी के बारे में भावुक होते हुए कहा कि, अटल जी से जुड़े कई प्रसंग उसके यादों के रूप में मौजूद हैं। माला के मुताबिक, ‘मेरी शादी के समय वे तीन दिन ग्वालियर में रहे थे। विदेश मंत्री बनने के बाद वे पहली बार यहां आए थे। उसने बस ये कहना होता था कि हमें क्या चाहिए। उस समय उन्होंने टेप रिकॉर्डर दिलवाया था।’ माला ने कहा, ‘मैंने चाचा से शादी में पहनने के लिए फूलों के गहने मांगे थे। इस पर वे दिल्ली से मोंगरे के बने फूल लेकर आए थे। कॉलेज टाइम में मेरे हाथ में फैक्चर हो गया था, दिल्ली में उन्होंने मेरा ऑपरेशन करवाया था।’
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तोहफे में दिया था मिक्सर
माला के मुताबिक, शादी के बाद जब मैंने ससुराल में मसाला पीसा। इसपर जब उनसे मेरी बात हुई तो उन्होंने पूछा कैसे हो तो मैंने कहा कि, मसाला पीसने से हाथ दुख गए और उनपर सूजन आ गई। इस पर अगली बार जब मैं उनसे मिली, तो उन्होंने मुझे तोहफे में मिक्सर दिया था।’ माला ने कहा कि, ‘वो हमारी सभी बहनों का अपनी बेटियों की तरह ही ख्याल रखते थे।
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पूरे परिवार को बुलाया था खाने पर
माला ने बताया कि, पूरे परिवार को फिल्मों का काफी शौक था। दीवाली के अगले दिन पूरा परिवार साथ फिल्म देखने जाता था। हम एक बार हम सभी फिल्म देखने पहुंचे। चाचा जी को देखकर थिएटर का मैनेजर उनके लिए ठंडा लेकर आया। उनके हाथ में ठंडे की बोतल देख सभी का ध्यान फिल्म छोड़ उनकी ओर था। ये देख चाचाजी मुस्कुराए और फिर सभी के लिए ठंडा आया। वो जब भी इंदौर आते तो हमारे घर पर खाना जरूर खाते थे। 2003 में इंदौर वे भाजपा के महाधिवेशन में आए थे, लेकिन प्रोटोकॉल के कारण वे हमसे मिलने घर नहीं आ सके थे। ऐसे मेंं उन्होंने पूरे परिवार को ही रेसीडेंसी में भोजन के लिए बुला लिया था।
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