उन्होंने कहा, इंदौर के मास्टर प्लान एरिया के निवेश क्षेत्रों को आसपास के तीनों जिलों देवास, उज्जैन व धार के निवेश क्षेत्रों की सीमाओं से जोड़ा जा रहा है। इससे इनके बीच होने वाला बेतरतीब विकास रुकेगा। इन क्षेत्रों का विकास भी मास्टर प्लान के नियमों के आधार पर ही होगा। क्योंकि भविष्य में ये तीनों जिले भी विकास के केंद्र में रहेंगे। इन्हें इंदौर के साथ जोड़ने से ही फायदा होगा। देवास के चापड़ा में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन रहा है। वहीं उज्जैन और देवास के बीच निवेश क्षेत्र विकसित हो रहे हैं। वहां मौजूद जनप्रतिनिधियों ने मंत्री की बात का समर्थन करते हुए उन्हें महानगरीय विकास के लिए प्राधिकरण बनाने का सुझाव दिया।
इस दौरान मंत्री को बताया गया कि नगरीय विकास मंत्रालय ने देश के विभिन्न महानगरों के विकास मॉडल का अध्ययन कर प्रारूप तैयार किया है। इंदौर महानगर के विकास के लिए इस पर अमल किया जाना चाहिए। एक विकास जोन बनने के कई फायदे होंगे। वर्तमान में जिस तरह के विकास की रूपरेखा बन रही है, उसे लागू करने में भी मुश्किल नहीं आएगी। चर्चा के दौरान आइडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक मालिनी गौड़, मधु वर्मा, सुदर्शन गुप्ता व अन्य मौजूद रहे।
पूरे मालवा क्षेत्र का विकास होगा
जनप्रतिनिधियों का कहना है, शहर से 60 किमी की दूरी में बसे तीनों जिलों में हो रहे औद्योगिक विकास का बड़ा दबाव इंदौर व यहां के संसाधनों पर हो रहा है। यदि एक प्राधिकरण की छतरी में विकास होगा तो पूरे क्षेत्र का विकास होगा और संसाधनों का उपयोग ठीक से हो सकेगा। यह सबसे अच्छा मौका है, क्योंकि इंदौर का मास्टर प्लान तैयार हो रहा है। इंदौर में मेट्रो के लिए महानगरीय क्षेत्र बनाते हुए इंदौर, पीथमपुर, बेटमा, महू और राऊ को मिलाकर महानगरीय क्षेत्र घोषित किया है। इसमें सांवेर को भी शामिल करने की कवायद चल रही है। इससे पूरे मालवा क्षेत्र का विकास होगा।
इनका कहना है
एकीकृत मास्टर प्लान व प्राधिकरण के बनने से समग्र विकास को रफ्तार मिलेगी।
– जयपालसिंह चावड़ा, अध्यक्ष, आइडीए
यह कवायद शुरू होने से भविष्य के लिए की रही प्लानिंग भी सार्थक होगी। इंदौर के साथ आसपास का भी विकास होगा।
– शंकर लालवानी, सांसद
इन योजनाओं को मिलेगा नया आधार
– एनएचएआइ और आइडीए द्वारा बनाई जा रही 54 किमी के रिंग रोड – 4 की योजना।
– देवास जिले के चापड़ा में बन रहे अंतरराष्ट्रीय ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट।
– इंदौर-उज्जैन के बीच रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम या मेट्रो की कवायद।
– दिल्ली मुबंई इंडस्टि्रयल कॉरिडोर के तहत विकसित हो रहे पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र, इकाेनॉमिक कॉरिडोर, विक्रम नाॅलेज सिटी, लाॅजिस्टिक पार्क, देवास इन्वेस्टमेंट जोन आदि।