हर साल भाजपा नेता दीपेश पचौरी के नेतृत्व में नंदलालपुरा के युवक जय शिव कावड़ यात्रा निकालते हैं। 23 जुलाई को ओंकारेश्वर से मां नर्मदा का जल लेकर भक्तों ने कावड़ यात्रा शुरू की थी। बड़ी बात ये है कि सभी युवक नंगे पैर पूरा सफर तय करते हैं। यात्रा ने कल अपने अंतिम पड़ाव पर उज्जैन में प्रवेश किया। पैरों में छाले होने की वजह से तनिष्क राजोरे, शिवम नरवरिया, बंधन नरवरिया और राज सोलंकी अपने जत्थे से पीछे रह गए थे।
रात 8.30 बजे के करीब तपोभूमि के सामने से वे गुजर रहे थे कि बाइक पर टोपी पहने वर्ग विशेष के कुछ युवक वहां आए। उन्होंने गाड़ी रोककर गाली-गलौच शुरू कर दी, जिस पर उन्हें हाथ जोड़कर समझाने का प्रयास किया। इसके बावजूद वे नहीं माने। गाली-गलौज करने से रोका तो वे हाथापाई करने लगे। सभी की कावड़ और गगरी छीनकर फेंक दी।
कावडिय़ों को अंदेशा था कि वे हथियारों से लैस थे। वे हरकत करने के बाद भाग निकले, जिस पर पीडि़तों ने तुरंत साथियों को घटना की जानकारी दी। आगे चल रहे बाकी कावडिय़े मौके पर पहुंचे। पचौरी ने साथियों के साथ घटनास्थल पर चक्काजाम कर दिया। रोड जाम होने पर बसों में सवार लोगों को भी हरकत की जानकारी लगी तो वे भी धरने पर बैठ गए।
दोषियों पर कार्रवाई हो
इस बीच पचौरी ने विधायक आकाश विजयवर्गीय को घटना की जानकारी दी। अपने समर्थकों के साथ हुई हरकत पर वे भी नाराज हो गए, पुलिस अफसरों को फोन कर दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा। वहीं, भाजपा नेता विजय लाला को मौके पर भेजा। बड़ी संख्या में अन्य भाजपाई भी पहुंचने लगे। इस पर पुलिस अफसरों ने मौके पर पहुंचकर दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया तब जाकर धरना खत्म हुआ।
पहले भी हो चुकी हरकत
गौरतलब है कि सावन में कावड़ यात्रियों का उज्जैन में मेला लगा रहता है। सभी दिशाओं से कावड़ यात्राएं चलकर महाकाल दर्शन के लिए पहुंचती हैं। पहले भी कावड़ यात्रियों के साथ ऐसी हरकत हो चुकी है, लेकिन पुलिस मामले को रफादफा कर देती है ताकि कोई बवाल न खड़ा हो।
रास्तेभर रहता अंधेरा
सावन माह में कावड़ यात्रियों के उज्जैन पहुंचने का सिलसिला चलता रहता है। उज्जैन नगर में प्रवेश करने से लेकर महाकाल के पहले आने वाले ब्रिज के बीच रात में अंधेरा पसरा रहता है। स्ट्रीट लाइटें नहीं जलने की वजह से भी इंदौर से जाने वाले कावडिय़ों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।