रैली आदर्श सडक़ होते हुए कलेक्टोरेट पहुंची। कलेक्टोरेट परिसर के गेट पर पहले से ही पुलिस ने बेरिकेडिंग कर रखी थी। ऐसे में किसानों को यहां से आगे प्रवेश नहीं दिया गया। किसान कलेक्टर से मिलने की जिद करते हुए नारेबाजी करने लगे और सडक़ पर ही बैठ गए। बदनावर विधायक और उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव के खिलाफ भी किसानों ने नारेबाजी की। कलेक्टर प्रियंक मिश्र से मुलाकात करने की मांग पर किसान अड़े हुए थे। किसानों को समझाइश देने के लिए एसडीएम धार रोशनी पाटीदार पहुंची और समझाइश देने के प्रयास किए, लेकिन किसान नहीं माने। कुछ देर के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद किसान अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान किसानों के समर्थन में जयस नेताओं ने भी मैदान संभाला हुआ था। जयस के महेंद्र कन्नौज किसानों को संबोधित करते नजर आए। आंदोलन में जयस कार्यकर्ताओं की भी सहभागिता देखने को मिल रही है। आंदोलन के बीच मंत्री दत्तीगांव के खिलाफ भी नारेबाजी देखने को मिली। किसानों के साथ मिलकर जयस पीएम मेगा टेक्सटाइल पार्क के तहत बनने वाली इकाई का विरोध कर रही है।
वाहन रोककर कर चुके हैं विरोध
इसके पूर्व पार्क के निर्माण का विरोध कर रहे किसानों ने उद्योग मंत्री दत्तीगांव का काफिला रोककर अपना विरोध दर्ज करवाया था। कार से गुजरते वक्त काफिले को रोककर लोगों ने मंत्री के सामने अपनी बात रखी थी। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें मंत्री ग्रामीणों को कांग्रेस द्वारा उकसाने की बात कहते हुए नजर आ रहे थे। हालांकि इसके बाद यह मामला ठंडा हो गया था लेकिन पार्क निर्माण में आ रही जमीन को लेकर किसानों की लगातार नाराजगी और विरोध देखने को मिल रहा है। ऐसे में आने वाले वक्त में जब पार्क का निर्माण शुरू होगा, तब भी प्रशासन और सरकार को किसानों से जमीन लेने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ सकती है।
इसके पूर्व पार्क के निर्माण का विरोध कर रहे किसानों ने उद्योग मंत्री दत्तीगांव का काफिला रोककर अपना विरोध दर्ज करवाया था। कार से गुजरते वक्त काफिले को रोककर लोगों ने मंत्री के सामने अपनी बात रखी थी। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें मंत्री ग्रामीणों को कांग्रेस द्वारा उकसाने की बात कहते हुए नजर आ रहे थे। हालांकि इसके बाद यह मामला ठंडा हो गया था लेकिन पार्क निर्माण में आ रही जमीन को लेकर किसानों की लगातार नाराजगी और विरोध देखने को मिल रहा है। ऐसे में आने वाले वक्त में जब पार्क का निर्माण शुरू होगा, तब भी प्रशासन और सरकार को किसानों से जमीन लेने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ सकती है।