कलेक्टर मनीष सिंह ने खनिज निरीक्षक रश्मि पांडे को कल निर्वाचन कार्यालय में अटैच कर दिया। नियम विरुद्ध कार्य करने की शिकायत मिलने पर ये कार्रवाई की गई। पूरे मामले की जांच एसडीएम अंशुल खरे को सौंपी गई। अधिकृत तौर पर बताया गया कि सुपर कॉरिडोर के निकट अवैध रूप से उत्खनन कराया जा रहा है, जिसमें अवैध वसूली भी की जा रही है।
पर्दे के पीछे की कहानी ये सामने आई है कि सुपर कॉरिडोर पर मेट्रो प्रोजेक्ट के डिपो बनाने का काम चल रहा है जहां पर काफी खुदाई हो रही है। कहानी ये है कि खुदाई में बड़े पैमाने पर मुरम निकली। कायदे से सभी को इकट्ठा करके नीलामी करनी थी या खोदने वाले ठेकेदार को परमिट देकर रॉयल्टी काटी जानी थी, लेकिन बड़े पैमाने पर अवैध मुरम बेचने का खेल शुरू हुआ। पूरे खेल में पांडे का संरक्षण था।
मुरम निकालकर आसपास के कॉलोनाइजरों को बेची जा रही थी, जिसमें करोड़ों रुपए की जादूगरी हो गई। बताया जा रहा है कि पांडे ने इसको लेकर खासा दबावप्रभाव भी बना रखा था। इस वजह से कई लोग परेशान हो गए। आखिर में उन्होंने कलेक्टर को एक गंभीर शिकायत की। इस पर वे भी चौंक गए और उन्होंने तुरंत कड़ी कार्रवाई करने का फैसला कर पांडे को निर्वाचन में अटैच कर दिया।
बन गईं थीं प्रभारी अधिकारी
कुछ समय पहले खनिज अधिकारी रहे जुबानसिंह भिड़े का इंदौर से तबादला कर दिया गया। रश्मि पांडे ने खनिज विभाग में अपनी सांठगांठ के चलते खुद का भी प्रभारी खनिज अधिकारी का आदेश करा लिया था। जैसे ही आदेश कलेक्टर सिंह तक पहुंचा, उन्होंने पांडे के स्थान पर प्रभारी खनिज अधिकारी का चार्ज डिप्टी कलेक्टर अक्षय मरकाम को सौंप दिया। सिंह को पांडे की गतिविधियों की पहले ही जानकारी थी।
कुछ समय पहले खनिज अधिकारी रहे जुबानसिंह भिड़े का इंदौर से तबादला कर दिया गया। रश्मि पांडे ने खनिज विभाग में अपनी सांठगांठ के चलते खुद का भी प्रभारी खनिज अधिकारी का आदेश करा लिया था। जैसे ही आदेश कलेक्टर सिंह तक पहुंचा, उन्होंने पांडे के स्थान पर प्रभारी खनिज अधिकारी का चार्ज डिप्टी कलेक्टर अक्षय मरकाम को सौंप दिया। सिंह को पांडे की गतिविधियों की पहले ही जानकारी थी।
दु:खी थे खदान मालिक
पांडे का तबादला हुए सालभर हो गया है। जिस क्षेत्र में वह पदस्थ रहीं, वहां-वहां के खदान संचालक काफी परेशान थे। कुछ ने तो सत्ताधारी भाजपा के विधायक व अन्य नेताओं को भी शिकायत की। उन्होंने भी कलेक्टर से समय-समय पर बात की।
पांडे का तबादला हुए सालभर हो गया है। जिस क्षेत्र में वह पदस्थ रहीं, वहां-वहां के खदान संचालक काफी परेशान थे। कुछ ने तो सत्ताधारी भाजपा के विधायक व अन्य नेताओं को भी शिकायत की। उन्होंने भी कलेक्टर से समय-समय पर बात की।
घूमती थीं लग्जरी गाड़ी में
कार्रवाई के बाद पांडे को लेकर शिकायतों की झड़ी लगना शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि खदानों की जांच करने के लिए पांडे एक विवादित खनिज कारोबारी की लग्जरी एसयूवी में पहुंचती थी। उसके जरिए सीधा मैसेज भी होता था कि कोई भी काम हो तो संबंधित से बात की जा सकती है। खनिज कारोबारी के कई ड्पर पूर्व के अफसरों ने जत भी किए थे, जो कि बिना रॉयल्टी के माल ले जा रहे थे। (गाड़ी में आनेजाने का वीडियों भी उपलध है )।
कार्रवाई के बाद पांडे को लेकर शिकायतों की झड़ी लगना शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि खदानों की जांच करने के लिए पांडे एक विवादित खनिज कारोबारी की लग्जरी एसयूवी में पहुंचती थी। उसके जरिए सीधा मैसेज भी होता था कि कोई भी काम हो तो संबंधित से बात की जा सकती है। खनिज कारोबारी के कई ड्पर पूर्व के अफसरों ने जत भी किए थे, जो कि बिना रॉयल्टी के माल ले जा रहे थे। (गाड़ी में आनेजाने का वीडियों भी उपलध है )।