इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के हर जिले की तस्वीर बदली जाएगी। एमपी के सभी जिलों को इंदौर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा और मिनी मुंबई इंदौर को दिल्ली-मुंबई की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
बता दें कि सीएम मोहन यादव ने प्लास्टिक उद्योग सम्मेलन प्लास्टपैक 2025 के उद्घाटन के अवसर पर एमपी को लेकर ये बड़ा ऐलान किया है।
यहां जानें प्लास्टपैक 2025 के अवसर पर और क्या बोले सीएम
सीएम ने कहा कि, मध्य प्रदेश अनंत संभावनाओं का बाजार है। प्लास्टिक सेक्टर में इंदौर ने पूरे देश में अलग पहचान बनाई है। इसके विकास में पूरी मदद दी जाएगी। बदलते दौर में प्लास्टिक का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। कोविड काल में यह जीवन रक्षक के रूप में सामने आया है। पीपीई किट में प्लास्टिक का उपयोग हुआ है, जिस पर वायरस का असर नहीं हुआ था। इस उद्योग में रोजगार के बड़े अवसर हैं। प्लास्टिक उद्योग के विकास के लिए इसके दुष्प्रभाव को दूर करने रीयूज और वेस्ट मैनेजमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा। इस तकनीक विकसित करने वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। पर्यावरण की चिंता भी की जाएगी।
इस अवसर पर इंडियन प्लास्टपैक फोरम के चेयरमैन सचिन बंसल ने सीएम से मांग की कि इंदौर में एक बड़ा एग्जीबिशन सेंटर होना चाहिए। साथ ही दुनिया से सीधी कनेक्टिविटी के लिए इंटरनेशनल कार्गो हो तथा प्लास्टिक पार्क भी बनाया जाए।
इन्वेस्टर्स समिट रहीं सफल
डॉ. यादव ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई गति और दिशा दी जा रही है। मध्य प्रदेश में गुजरात मॉडल पर तेजी से विकास किया जा रहा है। मध्य प्रदेश के सभी जिलों को इंदौर जैसा बनाना है और इंदौर को दिल्ली-मुंबई जैसा तैयार करना है। उत्तर प्रदेश में 6 रीजनल इन्वेस्टर्स समिट से चार लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रदेश में आया है। इससे लगभग तीन लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। 24 फरवरी को भी समिट होगी। ये भी पढ़ें: भ्रष्ट अधिकारियों को लेकर हाईकोर्ट का अहम फैसला, चीफ जस्टिस को भेजा मामला ये भी पढ़ें: नहीं आएगी जिला अध्यक्षों की सूची, भाजपा में घमासान के चलते बदला नियुक्ति का फार्मुला