इंदौर

10 मिनट की लेटलतीफी भी नहीं चलेगी, देर से आने वाले कर्मचारियों को मिल रहे नोटिस, अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

government employees news : देर से दफ्तर आने वाले 286 कर्मचारियों को भेजा गया नोटिस। एक दिन की तनख्वाह भी काटी गई। अपर कलेक्टर ने अधीक्षक के कमरे में डाला डेरा, सुबह 10.10 बजते ही जब्त किए हाजिरी रजिस्टर। इसके बाद आने वाले कर्मचारियों की नहीं लग सकी अटेंडेंस।

इंदौरJul 06, 2024 / 01:13 pm

Faiz

government employees news : सरकारी दफ्तरों में समय की पाबंदी को लेकर सरकार द्वारा की गई सख्ती पर मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में अमली जामा पहनाना शुरु कर दिया गया है। यहां समय पर दफ्तर न पहुंचने वाले कर्मचारियों को समय का पाठ पढ़ाने खुद अपर कलेक्टर छापामार कार्रवाई कर रहे हैं। अबतक अलग अलग विभागों के 286 कर्मचारियों तय समय पर दफ्तर न पहुंचने पर कारण बताओ नोटिस तो जारी किया ही गया है, साथ ही एक दिन का वेतन काटने के आदेश भी दिए गए हैं।
बता दें कि, शुक्रवार को प्रशासनिक संकुल और जिला पंचायत में उस समय हड़कंप मचा गया, जब सुबह 10 बजे अपर कलेक्टर सपना लोवंशी अधीक्षक विनोद रायकवार के कमरे में पहुंच गईं। यहां सभी कर्मचारियों की उपस्थित दर्ज की जाती है। यहां अपने निर्धारित समय के दौरान महज 20 से 25 फीसदी कर्मचारियों ने ही उपस्थिति दर्ज कराई थी। इसके बाद जैसे ही सुबह 10 बजकर 10 मिनट हुए लोवंशी ने रजिस्टर की जब्ती बना ली। साथ में जिला पंचायत और जनपद ऑफिस के हाजिरी रजिस्टर भी बुलवा लिया।

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कारण बताओं नोटिस जारी

इसके बाद जब वहां कर्मचारी हाजिरी भरने पहुंचे तो उन्हें घटनाक्रम की जानकारी लगी। इसके बाद पूरा विभाग सकते में आ गया। लोवंशी ने इसकी रिपोर्ट कलेक्टर आशीष सिंह को सौंपी। कलेक्टर ने लेटलतीफ कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जो दोपहर तक विभागों में पहुंच गया। सभी का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश भी दिया गया। बताते हैं कि समय पर कार्यालय आने संबंधी पहले जारी कलेक्टर के आदेश के बाद से कर्मचारियों पर नजर रखी जा रही थी।

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अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

गौरतलब है कि, इंदौर में लेटलतीफ कर्मचारियों को पहले भी पकड़ा, लेकिन नोटिस देकर छोड़ दिया जाता था। पहली बार 286 कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश जारी हुआ है। दूसरी तरफ कर्मचारियों का कहना है कि छुट्टी का समय शाम 6 बजे है, लेकिन कई बार रात 10 बजे तक काम करते हैं। लोवंशी ने बताया कि प्रशासनिक संकुल, जिला पंचायत और जनपद के 286 कर्मचारी देरी से ऑफिस पहुंचे थे। सभी को नोटिस देकर एक दिन की तनख्वाह काटी गई है।

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