बता दें कि, शुक्रवार को प्रशासनिक संकुल और जिला पंचायत में उस समय हड़कंप मचा गया, जब सुबह 10 बजे अपर कलेक्टर सपना लोवंशी अधीक्षक विनोद रायकवार के कमरे में पहुंच गईं। यहां सभी कर्मचारियों की उपस्थित दर्ज की जाती है। यहां अपने निर्धारित समय के दौरान महज 20 से 25 फीसदी कर्मचारियों ने ही उपस्थिति दर्ज कराई थी। इसके बाद जैसे ही सुबह 10 बजकर 10 मिनट हुए लोवंशी ने रजिस्टर की जब्ती बना ली। साथ में जिला पंचायत और जनपद ऑफिस के हाजिरी रजिस्टर भी बुलवा लिया।
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कारण बताओं नोटिस जारी
इसके बाद जब वहां कर्मचारी हाजिरी भरने पहुंचे तो उन्हें घटनाक्रम की जानकारी लगी। इसके बाद पूरा विभाग सकते में आ गया। लोवंशी ने इसकी रिपोर्ट कलेक्टर आशीष सिंह को सौंपी। कलेक्टर ने लेटलतीफ कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जो दोपहर तक विभागों में पहुंच गया। सभी का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश भी दिया गया। बताते हैं कि समय पर कार्यालय आने संबंधी पहले जारी कलेक्टर के आदेश के बाद से कर्मचारियों पर नजर रखी जा रही थी। यह भी पढ़ें- भोजशाला को जैन गुरुकुल बताने वाली जैन समाज की याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने दी बड़ी नसीहत