इंदौर.
पिछले कुछ दिनों से अघोषित बिजली कटौती के कारण परेशानी का सामना कर रही आम जनता अब त्रस्त हो गई है। सिर्फ जनता ही नहीं प्रदेश मुख्यमंत्री सहित पूरी सरकरा इस समस्या से निजात पाने में असफल हो रही है। अफसर कर्मचारियों को सस्पेंड सहित सख्त कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद बिजली कटौती नहीं रुक रही है। बिजली विभाग के विशेषज्ञों की माने तो इस समस्या की मुख्य वजह मेंटेनेंस है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के चलते सत्ताधारी पार्टियों ने करीब एक साल से प्रदेश भर में बिजली कंपनी को मेंटेनेंस नहीं करने दिया और उसी वजह से यह दिक्कत आ रही है। विधानसभा चुनाव के समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और वोट बैंक प्रभावित न हो इसलिए उस समय उनके दबाव में बिजली कंपनी मेंटेनेंस नहीं कर सकी। विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई थी इसलिए सत्ताधारी कांग्रेस ने किसी भी हालत में मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कटौती पर रोक लगा दी थी। इस तरह करीब एक साल तक बिजली लाइनों की दुरुस्ती, पेड़ों की कटाई छटाई और ट्रांसफार्मरों की रिपेयरिंग नहीं होने से स्थिति बिगड़ कई है। पिछले एक साल मे न तो प्री मानसून मेंटेनेंस हुआ है और न पोस्ट मानसून और उसका हर्जाना अब जनता को भुगतना पड़ रहा है। हालांकि जनता की परेशानी के बाद अब हालिया सरकार ने युद्ध स्तर पर काम शुरू किया है।
पिछले कुछ दिनों से अघोषित बिजली कटौती के कारण परेशानी का सामना कर रही आम जनता अब त्रस्त हो गई है। सिर्फ जनता ही नहीं प्रदेश मुख्यमंत्री सहित पूरी सरकरा इस समस्या से निजात पाने में असफल हो रही है। अफसर कर्मचारियों को सस्पेंड सहित सख्त कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद बिजली कटौती नहीं रुक रही है। बिजली विभाग के विशेषज्ञों की माने तो इस समस्या की मुख्य वजह मेंटेनेंस है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के चलते सत्ताधारी पार्टियों ने करीब एक साल से प्रदेश भर में बिजली कंपनी को मेंटेनेंस नहीं करने दिया और उसी वजह से यह दिक्कत आ रही है। विधानसभा चुनाव के समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और वोट बैंक प्रभावित न हो इसलिए उस समय उनके दबाव में बिजली कंपनी मेंटेनेंस नहीं कर सकी। विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई थी इसलिए सत्ताधारी कांग्रेस ने किसी भी हालत में मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कटौती पर रोक लगा दी थी। इस तरह करीब एक साल तक बिजली लाइनों की दुरुस्ती, पेड़ों की कटाई छटाई और ट्रांसफार्मरों की रिपेयरिंग नहीं होने से स्थिति बिगड़ कई है। पिछले एक साल मे न तो प्री मानसून मेंटेनेंस हुआ है और न पोस्ट मानसून और उसका हर्जाना अब जनता को भुगतना पड़ रहा है। हालांकि जनता की परेशानी के बाद अब हालिया सरकार ने युद्ध स्तर पर काम शुरू किया है।
२० जून के बाद सुधरेगी स्थिति बिजली व्यवस्था के विशेषज्ञ और रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री आरसी सोमानी का कहना है जिस तरह के बिजली कंपनी ने युद्ध स्तर पर पूरे प्रदेश में मेंटेनेंस का काम शुरू किया है उस हिसाब से २० जून तक स्थिति नियंत्रण में आ जाएगा और अघोषित बिजली कटौती बंद हो जाएगी। यदि इंदौर की बात करें तो पिछले दिनों बड़ा ट्रांसफार्मर जलने से स्थिति और बिगड़ गई थी। नया ट्रासफार्मर लगने से दो-तीन दिन हालत ठीक हो सकते हैं।
स्टॉफ की कमी भी वजह
इंदौर में करीब सात लाख बिजली उपभोक्ता हैं और बिजली कंपनी में पांच हजार लोगों का स्टॉफ है। इसमें से ८० प्रतिशत लाइन स्टॉफ है। उपभोक्ताओं के आधार पर यहां करीब ७५०० लोगों की जरूरत है। स्टॉफ की कमी की वजह से भी काम प्रभावित होता है। पिछले दिनों लापरवाही बरतने वाले करीब ३०० लोगों को सस्पेंड भी किया गया है। इंदौर में बिजली कंपनी ने २२ झोन में अपनी टीम बांट रखी है।
इंदौर में करीब सात लाख बिजली उपभोक्ता हैं और बिजली कंपनी में पांच हजार लोगों का स्टॉफ है। इसमें से ८० प्रतिशत लाइन स्टॉफ है। उपभोक्ताओं के आधार पर यहां करीब ७५०० लोगों की जरूरत है। स्टॉफ की कमी की वजह से भी काम प्रभावित होता है। पिछले दिनों लापरवाही बरतने वाले करीब ३०० लोगों को सस्पेंड भी किया गया है। इंदौर में बिजली कंपनी ने २२ झोन में अपनी टीम बांट रखी है।
कैसे होता है मेंटेनेंस बिजली कंपनी अपने लाइनों का प्री मानसून और पोस्ट मानसून मेंटेनेंस करती है। बारिश से पहले मई अंत से जून तक प्री मानसून मेंटेनेंस किया जाता है। इसके तहत बिजली की लाइनों के आसपास के पेड़ आदि की कटाई और छटाई की जाती है। इसके अलावा सभी ट्रांसफार्मरों की सर्विर्सिंग और जम्पर आदि को टाइट किया जाता है। इस तरह दिवाली से पहले पोस्ट मानसून मेंटेनेंस भी इसी तरह किया जाता है ताकि दीप पर्व के आसपास बिजली गुल न हो।