उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की कुल 29 संसदीय सीटों के लिए 19 अप्रेल को प्रथम चरण में छह सीटों, दूसरे चरण में 26 अप्रेल को छह सीटों, तीसरे चरण में 07 मई को नौ सीटों पर मतदान हो चुका है। अब प्रदेश की शेष आठ लोकसभा सीटों के लिए सोमवार को मतदान हो रहा है।
पहले चरण में 67.75, दूसरे चरण में 58.59 और तीसरे चरण में 66.75 प्रतिशथ मतदान हुआ। औसत देखें तो तीनों चरण में कुल 64.76 प्रतिशत वोटिंग हुई। 2019 में तीन चरणों में औसत 69.74 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस प्रकार अभी मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव से 4.98 फीसदी कम है। चौथे चरण में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास चल रहे हैं लेकिन इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापसी के बाद कांग्रेस नोटा का प्रचारप्रसार कर रही है। भाजपा के सामने कोई भी प्रतिद्वंद्वी न होने से मतदाता भी उदासीनता दिखा सकते हैं। पिछले चुनाव में भी इन आठ सीटों में से सबसे कम मतदान इंदौर में ही हुआ था।
मतदान अवश्य करें- अनुपम राजन, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मध्यप्रदेश
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए लोकल लेवल पर टीमों को एक्टिव किया है। वे मतदाताओं को वोट डालने की याद दिलाने का काम करेंगी। बूथों पर भी गर्मी से निपटने के इंतजाम किए गए हैं। छाया, पानी, कूलर, पंखे, दवाओं की व्यवस्था की की गई है। मतदान दल को मेडिकल किट दी गई है। 12 हजार 130 बूथों पर वेबकास्टिंग और सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी रखी जाएगी। यदि कोई पार्टी या व्यक्ति नोटा का प्रचार करता है तो उसे हम रोक नहीं सकते हैं। हमारा तो यही कहना है कि हर मतदाता मतदान अवश्य करे।