सावधान, आपका आधार कार्ड फर्जी तो नहीं
इंदौर. हैदराबाद में सात हजार फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह से जुड़े छह माह से फरार आरोपी को साइबर सेल ने पकड़ा है। सनसनीखेज मामला यह है कि आरोपी फरारी के दौरान विजयनगर में नगर निगम के जोनल कार्यालय पर निजी कंपनी की ओर से तैनात होकर आधार कार्ड ही बना रहा था।
साइबर सेल की टीम ने पवन कोटिया पिता मनीराम कोटिया निवासी वीणा नगर सुखलिया को गिरफ्तार किया। एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, साइबर मुख्यालय से सूचना मिली थी कि आरोपी विजयनगर नगर निगम जोनल कार्यालय पर आधार कार्ड बना रहा है। वह शिवपुरी का रहने वाला है और वर्ष 2011 से आधार कार्ड बनाने के क्षेत्र में काम कर काम कर रहा है। आधार कार्ड के कियोस्क की आइडी बनवाने, एग्जाम दिलवाने एवं आधार कार्ड बनाने में लगने वाली तकनीकी सामग्री को कमीशन पर किराये पर देने का काम भी उसने किया है। यह काम उसने वर्ष 2016 में शुरू किया था। आधार कार्ड बनाने के लिए कई मशीनें भी किराये पर दे रखी हैं। पुलिस के मुताबिक, आरोपी और उसके दोस्त रोहित शर्मा ने असम की कंपनी से आधार कार्ड बनाने का लॉग इन पासवर्ड जारी कराया और फिर असम व मध्यप्रदेश के कई शहरों में आधार कार्ड बनाने का काम शुरू किया। आरोपी ने जो मशीनें दी उसके आधार पर असम से जारी लॉग इन पासवर्ड पर हैदराबाद में काम शुरू किया। अक्टूबर-नवंबर 2021 में हैदराबाद पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर नितेशसिंह, अजहर, पवन, सोहेल, जहांगीर, अनवर, दीपक, अजहर को गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से सीएमएचओ की फर्जी सील भी बरामद की।
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र भी बना देते
आरोपी सीएमएचओ की सील से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र भी बना देते थे। छानबीन में पता चला कि आरोपी पवन द्वारा उपलब्ध कराए सेटअप के जरिए यह फर्जीवाड़ा चल रहा था। हैदराबाद के बंजारा हिल्स व गोलकोंडा थाने में केस दर्ज हुआ। पवन उस समय असम में था। जब साथी नितेश के पकड़े जाने का पता चला तो वहां से भागकर इंदौर आ गया और लगातार ठिकाने बदल रहा था। आरोपी को हैदराबाद पुलिस के हवाले कर दिया है।