क्या है किडनी का फेल होना शुरुआती अवस्था में बीमारी के लक्षण पकड़ में नहीं आते, किडनी के 60 प्रतिशत खराब होने के बाद ही मरीज को इसका पता चल पाता है। किडनी या गुर्दा राजमा की शक्ल जैसा अंग है, जो पेट के दाएं और बाएं भाग में पीछे की तरफ स्थित होता है। किडनी खराब होने पर शरीर में खून साफ नहीं हो पाता और क्रिएटनिन बढऩे लगता है। यदि दोनों किडनी अपना कार्य करने में सक्षम नहीं हों, तो उसे आम भाषा में किडनी फेल हो जाना कहते हैं।
इन बातों को अपनाएंगे तो कभी नहीं होगी किडनी की बीमारी 1. व्यायाम बड़ी दवा : व्यायाम कर फिट रहने वाले लोगों का ब्लडप्रेशर कम रहता है। इससे क्रोनिक किडनी डिसीज होने का खतरा कम हो जाता है। आप किसी भी एक्सरसाइज से खुद को फिट रख सकते हैं।
2. दो लीटर पानी जरूरी : लिक्विड इनटेक के मुद्दे पर विशेषज्ञों में अलग-अलग राय है, लेकिन अधिकतर का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए कम से कम 1.5 से 2 लीटर पानी पीना चाहिए।
3. ब्लड शुगर बड़ा दुश्मन : डायबिटीज के शिकार लोगों में से आधे मरीज किडनी फेल्योर के शिकार बनते हैं। इसलिए अगर आप पहले से डायबिटीज के शिकार हैं तो आपको अपनी किडनी का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
4. पहले धूम्रपान छोड़ें : धूम्रपान तत्काल छोडऩा चाहिए। धूम्रपान किडनी में रक्त प्रभाव को प्रभावित करता है। ऐसे में किडनी को सामान्य रूप से काम करने के लिए पर्याप्त खून नहीं मिल पाता।
5. ब्लड प्रेशर से खतरा : हाई ब्लडप्रेशर से किडनी डैमेज होने का खतरा भी रहता है। एक सामान्य व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 120/80 होता है, अगर आपका ब्लडप्रेशर 140/90 पर है तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
6. पेनकिलर लेने से बचें : अगर आप थोड़े से दर्द में भी दर्दनाशक दवाएं ले लेते हैं तो खुद की किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा को लेने से बचना चाहिए।
7. मोटापा करेगा परेशान : किडनी डेमेज से बचने के लिए सेहतमंद खाने को अपनाना चाहिए। एक दिन में सिर्फ 5 से 6 ग्राम नमक लेना चाहिए। इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड एवं बाहर के खाने को भी कम करें।
8. ये लोग कराएं जांच : डायबिटिक मरीज, हायपरटेंशन मरीज, मोटापे के शिकार लोग, अनुवांशिक किडनी रोग की स्थिति के लोग। इन सभी को डॉक्टर की सलाह लेकर समय-समय पर किडनी की जांच जरूर कराना चाहिए।