जिले के 564 गांव में 93834 लोग आबादी की जमीन पर मकान बनाकर रह रहे हैं। पहले चरण में 66 गांवों की फाइनल रिपोर्ट शासन को भेजी गई है, जिसमें 20242 लोगों को पट्टे का मालिकाना हक मिलने वाला है। अभी तक 448 गांवों का सर्वे पूरा हो गया है, जिनमें से 357 की ग्राउंड रिपोर्ट भी भेजी जा चुकी है। सर्वे के माध्यम से लोगों की संपत्ति का डिजिटल ब्यौरा रखा जा रहा है।
योजना के अंतर्गत एक नए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल पर ग्राम समाज से जुड़ी सभी समस्याओं की जानकारी रहेगी और इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपनी भूमि की जानकारी ऑनलाइन देख सकेंगे। इससे ग्राम पंचायतों को भी संपत्ति शुल्क, पंचायत स्तर पर ग्राम विकास की योजना बनाने में सुविधा तथा शासकीय एवं सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा एवं रखरखाव आसान होगा।
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राऊ, कनाड़िया तहसील में एक भी गांव को नहीं मिलेगा लाभ: रिकार्ड के अनुसार राऊ तहसील के 27 गांवों में से एक गांव में भी सर्वे नहीं हुआ है। इसी प्रकार कनाड़िया के 30, बिचौली हप्सी के 27, मल्हारगंज के 26 तथा जूनी इंदौर के 22 गांवों में भी सर्वे की प्रक्रिया नहीं शुरू की गई है, जिससे इन गांवों को लाभ नहीं मिलेगा।
हजारों परिवार को फायदा
गांवों में सैकड़ों परिवार ऐसे हैं, जिनका आबादी भूमि पर कई सालों से स्वामित्व तो है, लेकिन कोई दस्तावेज नहीं है। अब सर्वे के बाद खाली भूखंड एवं भवन निर्माण की जानकारी राजस्व रिकार्ड में नंबरिंग सहित मानचित्र पर दर्ज हो रही है। इससे भूमि मालिकों को भूखंडों का रिकार्ड में स्वामित्व मिल जाएगा। दस्तावेज मिलने के बाद बैंक लोन भी आसानी से मिल जाएगा। गांव में ड्रोन सर्वे का काम जारी है। दिसंबर 2023 तक सभी गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा हो जाएगा। लोगों को लाभ मिलेगा। बजरंग बहादुर, तहसीलदार