बायपास पर बिचौली हप्सी के ओवर ब्रिज पर कल शाम को दिल दहलाने वाला हादसा हुआ, जिसमें डीपीएस स्कूल की बस डिवाइडर कूदकर ट्रक में जा घुसी। हादसे में चार बच्चों व ड्रायवर की मौत हो गई। आज सुबह 10 बजे कक्षा पहली की छात्रा श्रुति पिता मोहन लुधियानी की शव यात्रा 359-आर खातीवाला टैंक से रीजनल पार्क मुक्तिधाम के लिए निकली।
सुबह 9 बजे से घर पर परिचित व रिश्तेदारों का आना शुरू हो गया था, जो भी पहुंचा उनकी आंखें नम हो गईं। परिवार की महिलाओं की स्थिति संभाले से नहीं संभल रही थी। मां तो बदहवास थी, क्योंकि 20 साल बाद उनके परिवार में बेटी ने जन्म लिया था। घर में सबकी लाड़ली थी। परिजनों ने फूल सी मासूम बच्ची की अंतिम यात्रा शव वाहन से निकालने के बजाए अपनी निजी गाड़ी को फूलों से सजाकर निकाली। खूबसूरत बिटिया को सुंदर ड्रेस पहनाकर भारी मन और लगातार छलक रही आंखों से परिवार ने रुखसत किया। चार पहिया वाहनों से शव यात्रा रीजनल पार्क पहुंची।
जहां पर अंतिम संस्कार की क्रिया शुरू की गई। छह साल की श्रुति डीपीएस में पहली कक्षा में पढ़ती थी। 11 बजे एम-422 खातीवाला टैंक से कृति अग्रवाल की तो 12 बजे हरमीत कौर शुखी की 109 खातीवाला टैंक से शवयात्रा निकलकर रीजनल पार्क मुक्तिधाम पहुंची।
20 साल की मन्नतों के बाद हुई थी श्रुति
श्रुति लुधियानी उन चार मासूम बच्चों में शामिल थी जो इंदौर डीपीएस बस हादसे में चल बसी। शनिवार को श्रुति के माता पिता ने उसे दुल्हन बनाकर अंतिम विदाई दी। लुधियानी दंपत्ति के विवाह के बाद कोई संतान नहीं थी और विवाह के 20 साल बाद टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक से उन्हें श्रुति मिली थी। लंबे समय बाद मां बाप बनने की खुशी परिवार में देखते बनती थी। श्रुति को लेकर माता पिता के बेहिसाब सपने थे लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था।
श्रुति लुधियानी उन चार मासूम बच्चों में शामिल थी जो इंदौर डीपीएस बस हादसे में चल बसी। शनिवार को श्रुति के माता पिता ने उसे दुल्हन बनाकर अंतिम विदाई दी। लुधियानी दंपत्ति के विवाह के बाद कोई संतान नहीं थी और विवाह के 20 साल बाद टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक से उन्हें श्रुति मिली थी। लंबे समय बाद मां बाप बनने की खुशी परिवार में देखते बनती थी। श्रुति को लेकर माता पिता के बेहिसाब सपने थे लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था।
शुक्रवार को हादसे की मनहूस घड़ी ने बरसों की मन्नत और भविष्य के असंख्य सपनों का खून कर दिया। बॉम्बे अस्पताल में जब इलाज के दौरान श्रुति की मौत की खबर आई तो परिजन का रो रोकर बुरा हाल था। जैसे ही श्रुति के पोस्टमार्टम की बात आई मां बिलखने लगी और कहा की मेरी फूल सी बेटी का पोस्टमार्टम मत करिए।
DPS SCHOOL प्रबंधन और स्पीड गवर्नर कंपनी पर FIR के निर्देश, सख्त हई सरकार
शुक्रवार को डीपीएस स्कूल की बस और ट्रक में हुई दुर्घटना के लिए सरकार ने स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार माना है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृहमंत्री की 24 घंटे की जांच रिपोर्ट में आए तथ्यों में स्पष्ट तौर पर डीपीएस स्कूल प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई है। हादसे के समय बस की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा थी इसके लिए स्पीड गवर्नर कंपनी पर भी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। गृहमंत्री की ओर से डीआईजी इन्दौर को स्कूल प्रबंधन और स्पीड गवर्नर कंपनी पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए हैं।
शुक्रवार को डीपीएस स्कूल की बस और ट्रक में हुई दुर्घटना के लिए सरकार ने स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार माना है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृहमंत्री की 24 घंटे की जांच रिपोर्ट में आए तथ्यों में स्पष्ट तौर पर डीपीएस स्कूल प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई है। हादसे के समय बस की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा थी इसके लिए स्पीड गवर्नर कंपनी पर भी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। गृहमंत्री की ओर से डीआईजी इन्दौर को स्कूल प्रबंधन और स्पीड गवर्नर कंपनी पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए हैं।
मृत ड्राइवर पर ही दर्ज किया केस
वहीं दूसरी ओर पुलिस ने जांच के बाद देर रात मृत ड्राइवर को ही हादसे का दोषी मानते हुए उसके खिलाफ धारा 304 व 323 के तहत केस दर्ज किया है। कनाडिय़ा पुलिस के अनुसार बायपास के ब्रिज पर कल दोपहर चार बजे डीपीएस स्कूल की बस नंबर 27 (एमपी 09 एफए 2029) व ट्रक (यूपी 78 सीटी 7890) के बीच हुई भीषण भिड़ंत में चार बच्चों कृति, श्रुति, स्वस्तिक व हरमीत उर्फ खुशी की मौत के मामले में अलग-अलग मर्ग कायम किए थे।
वहीं दूसरी ओर पुलिस ने जांच के बाद देर रात मृत ड्राइवर को ही हादसे का दोषी मानते हुए उसके खिलाफ धारा 304 व 323 के तहत केस दर्ज किया है। कनाडिय़ा पुलिस के अनुसार बायपास के ब्रिज पर कल दोपहर चार बजे डीपीएस स्कूल की बस नंबर 27 (एमपी 09 एफए 2029) व ट्रक (यूपी 78 सीटी 7890) के बीच हुई भीषण भिड़ंत में चार बच्चों कृति, श्रुति, स्वस्तिक व हरमीत उर्फ खुशी की मौत के मामले में अलग-अलग मर्ग कायम किए थे।