आपको बता दें कि, शहर में रहने वाले बलराज झाला दंपती ने इस अनोखे ‘डॉगी ढाबे’ की शुरुआत की है। इस तरह का अनोखा ढाबा खोलने के पीछे वजह ये है कि, कपल खुद भी डॉग लवर हैं। इस ढाबे में कुत्तों के लिए अनुकूल खाना, रहने और जन्मदिन मनाने की पूरी व्यवस्था रखी गई है। इसके अलावा इस ढाबे से आपके कैनाइन दोस्त के लिए फूड डिलीवरी और पार्सल की सेवाएं भी दी जा रही हैं। यही नहीं, डॉगी ढाबा कुत्तों के जन्मदिन के अनुसार केक की व्यवस्था भी करता है। ताकि डॉगी भी अपने इस खास दिन को अलग ढंग से इंज्वाय कर सकें।
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ऐसे आया अनोखा ढाबा खोलने का आइडिया
इस अनोखे ढाबे के मालिक बलराम झाला का कहना है कि, कोविड – प्रेरित लॉकडाउन के दौरान उन्होंने महसूस किया कि, उस दौरान सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि कुत्तों को भी भोजन खोजने के लिए खासा संघर्ष करना पड़ा था। इसके बाद से ही उन्होंने रोजाना रात को घर लौटते समय रास्ते में मिलने वाले कुत्तों को खाना खिलाना शुरू कर दिया। उनका कहना है कि, काफी पहले मैं डॉग लवर हूं। मैं साल 2019 तक एक होटल में काम करता था, जहां से रात को घर लौटते समय कुत्तों को खाना खिलाता था। तभी उन्हें कुत्तों के लिए विशेष ढाबा खोलने का विचार आया। इसके बाद साल 2020 में पत्नी के साथ मिलकर ढाबे की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि, हमने बाकायदा डॉग फूड डिलीवरी बॉय की सुविधा भी दे रखी है। ये सुविधा सुबह से रात तक जारी रहती है।
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यहां मिलता है 7 रुपए से लेकर 500 तक का भोजन
डॉगी ढाबे पर मिलने वाले भोजन की कीमत के बारे में बताते हुए बलराम झाला ने कहा कि, यहां शाकाहारी के साथ साथ मासाहारी भोजन की व्यवस्था है। यही नहीं, कुत्तों के लिए पूरक आहार की व्यवस्था भी रखी गई है। उन्होंने ये भी बताया कि, ढाबे पर कुत्तों के भोजन का एक पूरा मेन्यू मौजूद है, जो 7 रुपए से शुरु होकर 500 रोज के अनुसार निर्धारित है।
कुत्तों के लिए बोर्डिंग सेवा भी
ढाबे की एक विशषता ये भी है कि, यहां डॉगीज को बोर्डिंग सेवा भी मिलती है। इसके पीछे ढाबा संचालक कपल की कोशिश ये भी है कि, व्यायाम, खेल, पारिवारिक, सामाजिक और व्यावसायिक अवसरों पर कुत्तों के मालिकों के बाहर जाने पर उनके पालतू जानवर को किसी तरह की कोई तकलीफ न हो। लिहाजा, ऐसे मौकों पर उनके कुत्तों की अच्छी तरह से देखभाल की जाती है।