इंदौर। रात को सोते वक्त अचानक पहाड़ी से गिर जाना, फर्श पर फिसल जाने का सपना रात को आपकी नींद खराब कर सकता है। ऐसे सपने के बाद आपकी नींद भी उड़ जाती है और धड़कन बढ़ जाती है साथ ही घबराहट शुरू हो जाती है। इस तरह के सोते समय झटके आना ‘हाइपेनिक जर्क’ कहलाता है। एक रिसर्च के मुताबिक दुनिया में 70 प्रतिशत लोग इन झटकों को महसूस करते हैं। डॉ. अशोक डागरिया ने हमसे शेयर की इस बारे में कुछ खास बातें। जब आप रात को गहरी नींद में सो रहे होते हैं तो अचानक से आपको झटके आने लगते हैं। आमतौर पर ऐसा तब होता है जब रात में आप सपने देख रहे होते हैं। सपने में कुछ ऐसी गतिविधी भी होती है कि आपको वास्तविकता में झटके आते हैं। कई बार जिस व्यक्ति को ऐसे झटके आ रहे हों वह बहुत जोर से चिल्लाने लगता है। यह भी पढ़ें: पति के कारण महिला ने किया आत्मदाह, मृत शिशु को जन्म देकर खुद छोड़ी दुनिया क्या है इसके पीछे की वजह व्यक्ति के सोने और जागने के बीच की कंडीशन को हाइपोजेनिक स्टेज कहते हैं। इस स्थिति में हमारा दिमाग समझ नहीं पाता है वह जाग रहा है या सो रहा है। यह दिमाग का एक रिएक्शन है जिसकी वजह से ऐसा होता है। यही वजह है कि आप नींद में जोर-जोर से चिल्लाने भी लगते हैं। कई लोग तो बिस्तर से नीचे भी गिर जाते हैं। हाइपेनिक जर्क की मुख्य वजह वर्तमान में चल रही चिंता और अवसाद है। फास्ट लाइफस्टाइल में हम ज्यादा वर्कलोड लेते हैं, रात को भी मोबाइल, टीवी आदि देखते रहते हैं जिसके कारण हमारा दिमाग ठीक से आराम नहीं कर पाता है। कभी-कभी यह जेनेटिक डिसऑर्डर भी हो जाता है। ज्यादा शराब पीने से या आराम नहीं करने से भी दिमाग के उस हिस्से में घाव हो जाते हैं जो कि बॉडी मूवमेंट के लिए उत्तरदायी होता है। इस वजह से भी नींद लेने में दिक्कत होती है। यह भी पढ़ें: फेसबुक पर हुआ लव, देवास ले जाकर किया रेप, फिर दे दिया नदी में धक्का बचने के उपाय नींद हर इंसान के लिए बहुत जरूरी होती है। अगर वर्किंग के बाद प्रोपर आराम ना हो तो इससे पूरा दिन बेकार हो सकता है। लेकिन हाइपेनिक जर्क कोई इलाज फिलहाल नहीं है। हालांकि इससे बचने के लिए दिमाग की गतिविधियों को थोड़ा कर करके इसमें कमी जरूर लाई जा सकती है। कैफीन का सेवन कम से कम करने पर इससे निजात मिल सकता है। अल्कोहल के सेवन से भी बचने की कोशिश करें। सोने से पहले एक्सरसाइज करने से भी इससे निजात मिल सकता है।