त्योहारी बाजार में वाहनों की भीड़ के बीच प्रदूषण का स्तर लाल निशान के आसपास बना हुआ है। अगले दो दिन ये निशान बढ़ जाएगा, क्योंकि पटाखों का धुआं हमारे प्रयासों को बेअसर कर देगा। पिछले सालों में दीपावली के आगे-पीछे के दिनों में प्रदूषण का स्तर मानक से दो से तीन गुना हो गया था। इस बार यह चार से पांच गुना होने की आशंका है। रविवार को एक्यूआइ 221 तक पहुंच गया। वहीं पीएम-10 (धूल के कण) का स्तर 270 के पार रहा। प्रदूषण विभाग ने अपील की है, ताकि जश्न में शहर की आबो-हवा ज्यादा खराब न हो।
यह भी पढ़ें- यहां सोने के कमल पुष्प और कुमकुम से होती है मां महालक्ष्मी की अर्चना
मास्क लगाकर निकलें
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. दिलीप वाघेला ने बताया कि, वायु प्रदूषण में एक्यूआइ, पीएम-10, पीएम 2.5 के साथ सल्फर डाइऑक्साइड, ओजोन (ओथ्री), कार्बन मोनो ऑक्साइड, अमोनिया, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सीसी का स्तर भी बढ़ता है, जो स्वास्थ्य को खतरे में डालते हैं। दीपावली पर मास्क लगाकर निकलें। मालूम हो, वायुमंडल में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से सांस, गले में सूजन, खराश समेत कई बीमारियों का खतरा रहता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार ?
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इंदौर के मुख्य रसायनज्ञ प्रभारी एसएन पाटिल का कहना है कि, दीपावली के जश्न में शहर की आबो-हवा कायम रखना है। शहरवासी ग्रीन पटाखे जलाएं और वह भी कम और रात्रि 8 से 10 बजे तक ही। प्रदूषण का स्तर कम रहेगा तो दीपावली की अगली सुबह हम सुकून की सांस ले सकेंगे।
यहां जलती चिता के पास की गई आतिशबाजी, मनाई गई जोरदार दिवाली, देखें वीडियो