शुक्रवार को एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि, परमाणु ऊर्जा विभाग के एक संस्थान के कर्मचारी को जालसाजों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर 71 लाख रुपए की ठगी की है। डिजिटल अरेस्ट साइबर धोखाधड़ी का नया तरीका है, जिसमें अपराधी ऑडियो या वीडियो कॉल करते हैं, खुद को लॉ इन्फोर्समेंट अधिकारी बताते हैं और पीड़ितों को ठगने के लिए उन्हें उनके घरों में कैद कर लेते हैं।
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इस तरह दिया वारदात को अंजाम
मामले को लेकर एडिशनल डिप्टी पुलिस कमिश्नर राजेश दंडोतिया का कहना है कि ‘गिरोह के एक सदस्य ने राजा रमन्ना एडवांस्ड टेक्नोलॉजी सेंटर (आरआरसीएटी) में वैज्ञानिक असिस्टेंट के तौर पर काम करने वाले पीड़ित को एक सितंबर को फोन किया और खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी बताया। इस फर्जी ट्राई अधिकारी ने दावा किया कि उसके नाम पर दिल्ली से जारी सिम कार्ड के जरिए लोगों को महिला उत्पीड़न से संबंधित अवैध विज्ञापन और टेक्स्ट मैसेज भेजे जा रहे हैं।’ यह भी पढ़ें- ये भी खूब : सब ट्रेनें लेट होती है, पर ये ट्रेन पहुंच जाती है समय से पहले, फिर 1 घंटे खड़ी रहती है आउटर पर