मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (mp cm dr mohan yadav) राज्य में राजस्व प्रकरणों के त्वरित और समय पर निराकरण सुनिश्चित करने पर जोर दे रहे हैं। इसके लिए प्रदेश में राजस्व महाअभियान भी चलाए गए जिनके बेहतर परिणाम मिले। अब पटवारी, आरआई पर निर्भरता कम करने की तैयारी की जा रही है। इसी क्रम में जमीन के सीमांकन का काम प्राइवेट एजेंसियों से कराने की पहल की गई है।
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इंदौर में कलेक्टर आशीष सिंह ने इसके लिए प्राइवेट एजेंसियों से टेंडर भी आमंत्रित कर दिए हैं। इसके अंतर्गत इंदौर जिले में जमीनों का सीमांकन इलेक्ट्रॉनिक टोटल (ईटीएस) मशीन से कराया जाएगा। प्राइवेट एजेंसियों से इसके लिए कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराने को कहा गया है।
उम्मीद की जा रही है कि प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से सीमांकन कराने से इंदौर जिले में लंबित प्रकरणों में कमी आएगी। भू-स्वामियों को सीमांकन के लिए इंतजार नहीं करना होगा। प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से जमीनों का सीमांकन समय पर हो सकेगा। इस संबंध में ई टेंडर 21 नवंबर को खोले जाएंगे। इंदौर एनआईसी वेबसाइट पर ई टेंडर के संबंध में तमाम जानकारी उपलब्ध है।