रावजी बाजार थाना प्रभारी प्रीतम ठाकुर ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि, 11 सितंबर को थाना क्षेत्र में आने वाले चंपा बाग के रहवासी 60 वर्षीय असलम की मौत हो गई थी। वो अकेले चंपा बाग में किराए के मकान में रहते थे। मौत के बाद आसपास के रहने वाले रहवासियों ने बुजुर्ग के शव को लुनियापुरा कब्रिस्तान में दफना दिया गया। वहीं, असलम की भतीजी को दफन से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो दे दी थी। भतीजी नाजिम शेख ने फोटो और वीडियो को ध्यान से देका, तो उन्हें असलम के शरीर पर मारपीट के निशान नजर आए। साथ ही नाक पर खून दिखा। नाजिम ने मकान मालिक के परिवार के लोगों पर मारपीट कर हत्या करने का संदेह जताया, क्योंकि उनका विवाद चल रहा था।
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शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा MY अस्पताल
भतीजी की शिकायत पर पुलिस और मजिस्ट्रेट महिला अधिकारी ने लुनियापुरा कब्रिस्तान पहुंचकर मजदूर की मदद से कब्र को खुदवा कर असलम के शव का बाहर निकलवाया। साथ ही, शव को पोस्टमार्टम के लिए एमवाय अस्पताल भेज दिया गया है। 3 दिन पूर्व ही बुजुर्ग के शव को दफनाया गया था। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजे दिया।
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मृतक की भतीजी का आरोप
बुजुर्ग की भतीजी नाजिम शेख ने आरोप लगाया कि, चंपा बाग में रहने वाले बुजुर्ग को मकान मालिक के भाई द्वारा लंबे समय से परेशान किया जा रहा था। मृतक का परिवार कई पीढ़ियों से मकान में रह रहा था। 2 दशकों से अधिक पुराना वह मकान था, लेकिन जिस समय बुजुर्गों की मौत हुई थी, उस वक्त उनके चेहरे से खून आ रहा था। चश्मदीदों ने शव को चूहे द्वारा खाया जाना बताया था। भतीजी ने ये भी आरोप लगाया कि, बुजुर्गों की मौत के बाद शव को दफनाने की तैयारी चल रही थी, जब वे वहां गई तो मकान मालिक के लोगों ने रोक दिया। इस दौरान उनके साथ मकान मालिक ने हाथापाई भी की थी।
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