इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के आगामी दीक्षांत समारोह में सोने और चांदी के मेडलों की दमक तो होगी, लेकिन इनकी रौनक पहले से कम नजर आएगी। इसकी वजह सबसे अधिक मेडल वाले मेडिकल संकाय के कोर्स जबलपुर की मेडिकल यूनिवर्सिटी शिफ्ट होना है। २०१८ के बाद के दीक्षांत से ही मेडलों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में २३ मार्च को होने वाले दीक्षांत समारोह में सत्र २०१९-२० और २०२०-२१ की बैच के अलग-अलग संकाय के टॉपर को गोल्ड मेडल और उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। इनके साथ ही इस अवधि में डी. लिट और पीएचडी पूरी करने वालों को भी उपाधि से नवाजा जाएगा। लेकिन, बीते सत्रों के दीक्षांत समारोहों की तुलना में इस बार टॉपर कम रहेंगे। सबसे अधिक गोल्ड और सिल्वर एमबीबीएस, बीडीएस और नर्सिंग कोर्स में दिए जाते रहे हैं। लेकिन, २०१७ से मेडिकल संकाय के सभी कोर्स जबलपुर की मेडिकल यूनिवर्सिटी शिफ्ट हो गए हैं। पिछले दीक्षांत समारोह तक मेडिकल की डी-बैच के गिनती के ही टॉपर शामिल हुए थे। इस बार इनकी संख्या और कम हो जाएगी। यूनिवर्सिटी प्रबंधन के अनुसार इस बार दोनों बैच में करीब २१० मेडल ही दिए जाएंगे। पीएचडी के आवेदन 10 मार्च तक दीक्षांत समारोह के लिए विभाग अभी हर संकाय के टॉपरों की सूची तैयार कर रहे हैं। इसके बाद इनसे दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होने के लिए आवेदन कराए जाएंगे। अभी दीक्षांत में पीएचडी की उपाधि पाने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। २०१९-२० या २०२०-२१ सत्र में पीएचडी करने वाले बगैर लेट फीस के ५ मार्च तक आवेदन कर सकेंगे। १० मार्च तक १०० रुपए विलंब शुल्क के साथ आवेदन होंगे।