स्काइप एप से संपर्क कर अपराधियों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताया। साथ ही कहा कि आपके आधार नंबर पर जारी मोबाइल सिम का इस्तेमाल ड्रग्स ट्रैफिकिंग में हुआ है। आपके खाते में भी 1 लाख रुपए जमा हुए हैं। ऐसे में अब सीबीआई भी आप पर निगरानी कर रही है। आप किसी से बात न करें, वरना पुलिस आपको अरेस्ट कर लेगी।
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UPI से जमा कराई राशि
इस तरह कानूनी डर बताकर अपराधियों ने 12 अगस्त को यूपीआई से 99 हजार रुपए और 13 अगस्त को भी 99 हजार रुपए जमा करवाए। अपराधियों ने मेट्रो के अधिकारी से उनके बैंक खातों की जानकारी ली। अपराधियों के झांसे में आकर उन्होंने सारी जानकारी भी उन्हें दे दी। मामले में मेट्रो के अफसर को ठगी का अहसास होने पर बुधवार को क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई। यह भी पढ़ें- इंदौर में नहीं चलेगीं यात्री बसें, यात्रियों को इस तरह करना होगा सफर
शनिवार शाम 4 बजे : स्काइप एप से कॉल आया और सामने से कहा गया कि किसी से भी बात न करें। घर में ही रहें, आप पर नजर रखी जा रही है।
रविवार दिनभर घर पर अधिकारी को रोके रखकर स्काइप एप पर बात की जाती रही।
सोमवार शाम 4 बजे अधिकारी से यूपीआइ से 99 हजार रुपए डलवाए।
मंगलवार शाम रो भी करीब 4 बजे अधिकारी से दौबारा यूपीआई पर 99 हजार रुपए ट्रांसफर कराए।
इस तरह 4 दिन में साइबर ठगों ने की वारदात
शनिवार सुबह 10.30 बजे : मेट्रो के अधिकारी को मोबाइल पर पहला काल आया।शनिवार शाम 4 बजे : स्काइप एप से कॉल आया और सामने से कहा गया कि किसी से भी बात न करें। घर में ही रहें, आप पर नजर रखी जा रही है।
रविवार दिनभर घर पर अधिकारी को रोके रखकर स्काइप एप पर बात की जाती रही।
सोमवार शाम 4 बजे अधिकारी से यूपीआइ से 99 हजार रुपए डलवाए।
मंगलवार शाम रो भी करीब 4 बजे अधिकारी से दौबारा यूपीआई पर 99 हजार रुपए ट्रांसफर कराए।