इंदौर

Cyber Crime: डिजिटल अरेस्ट हो या साइबर क्राइम, 24 घंटे के अंदर होगी शिकायत

Cyber ​​Crime: क्रिमिनल ज्यादा स्मार्ट हैं, वे बैंक बंद होने के दौरान फ्रॉड करते हैं। अब हम व्यवस्था कर रहे हैं कि किसी भी दिन, किसी भी समय रिपोर्ट व कार्रवाई हो….

इंदौरNov 27, 2024 / 05:34 pm

Astha Awasthi

Cyber ​​Crime

Cyber ​​Crime: डिजिटल अरेस्ट व साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए आरबीआइ, मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस और होम अफेयर्स मिलकर काम कर रही है। ऐसे अपराध में गोल्डन ऑवर महत्वपूर्ण है, जिसमें शिकायत हो जाए तो हम पैसा फ्रीज कर देते हैं। क्रिमिनल ज्यादा स्मार्ट हैं, वे बैंक बंद होने के दौरान फ्रॉड करते हैं। अब हम व्यवस्था कर रहे हैं कि किसी भी दिन, किसी भी समय ( 24 घंटे) रिपोर्ट व कार्रवाई हो। यूरेशियन समूह की 41वीं बैठक की भारत की तरफ से मेजबानी करते हुए वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने ये बात कही।
उन्होंने कहा कि सरकार ने जन-धन खाते खोले, उन्हें आधार से लिंक किया ताकि लेन-देन रिकॉर्ड में आए। मोबाइल व डिजिटल सेवा का विस्तार हुआ और लेन-देन में सारा बैंकिंग सिस्टम इनवाल्व हो गया। इसका प्रमाण है कि हमारी जीडीपी ग्रोथ से ज्यादा टैक्स ग्रोथ है। असर ये हुआ कि मनी लॉन्ड्रिंग व टेरर फंडिंग कम हो गई।

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पैन कार्ड 2.0 किया लांच

अग्रवाल ने बताया कि अब पैन कार्ड 2.0 लांच किया है। आधार कार्ड व्यक्ति का एक सिंगल आइडेंटीफायर है, बिजनेस का नहीं। पैन कार्ड 2.0 सिंगल आइडेंटी कार्ड बिजनेस का बनाया गया है। पैन कार्ड का फर्जी उपयोग करके बनाई गई बोगस कंपनियों की जांच भी हो रही है।

कानून एक होगा तो…

अग्रवाल ने कहा कि भारत की व्यवस्था अच्छी हुई है तो इसका अर्थ ये नहीं कि विश्व के अन्य देश व हमारे पड़ोसी देश की व्यवस्था अच्छी है। हमारे लिए जरूरत है कि सभी देशों में ऐसी व्यवस्था हो। पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी देश विभिन्न स्त्रोतों से टेरर फंडिंग करता है, इसको कैसे रोका जाए। इसमें एफएटीएफ व यूरेशियन ग्रुप की बड़ी भूमिका है क्योंकि दुनिया में कानून एक होगा तो लागू भी एक जैसा होगा।

क्रिप्टो करंसी पर नजर, एआइ कर रहा मदद

क्रिप्टो करंसी के माध्यम से टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले बढ़ रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि फर्जी इन्वेस्टमेंट के मामलों की जांच की जा रही है। इसका इस्तेमाल आतंकवाद को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। बैंक अकाउंट्स, जिनमें पहले कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ और अचानक लाखों रुपए लेन-देन शुरू हो गया। उन्हें होल्ड कर लिया जाता है। इसमें एआइ की मदद ली जा रही है।

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