इंदौर

मध्य प्रदेश में पाकिस्तानियों को भी लगाई जा रही वैक्सीन, जानिये यहां क्यों आए हैं ये लोग

इसी कड़ी में मध्य प्रदेश की आर्थिक नागरी इंदौर में रह रहे पाकिस्तान से आए 8 हजार शरणार्थियों को भी कोरोना वैक्सीन लगाए जाने की व्यवस्था की गई है।

इंदौरJun 20, 2021 / 02:21 pm

Faiz

मध्य प्रदेश में पाकिस्तानियों को भी लगाई जा रही वैक्सीन, जानिये यहां क्यों आए हैं ये लोग

इंदौर/ देशभर की तरह मध्य प्रदेश में भी कोरोना वैक्सीनेशन अभियान जोरो शोर से चलाय जा रहा है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश की आर्थिक नागरी इंदौर में रह रहे पाकिस्तान से आए 8 हजार शरणार्थियों को भी कोरोना वैक्सीन लगाए जाने की व्यवस्था की गई है। जहां तमाम भारतीय नागरिकों को वैक्सीनेशन के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता है, वहीं, पाकिस्तानी सिंधी शरणार्थियों को वैक्सीन ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता परिचय पत्र, वीजा और पासपोर्ट के आधार पर वैक्सीनेशन किये जाने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा जो लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पा रहे हैं उनके लिए वैक्सीन की मात्रा बचने पर शाम 4 बजे के बाद ऑफलाइन वैक्सीन की सुविधा दी गई है।

 

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रोजाना 4 केन्द्रों पर पहुंच रहे 300 से अधिक लोग

बता दें कि, इंदौर के पाकिस्तानी शरणार्थी बहुल इलाके जिनमें सिंधी कॉलोनी, पल्सीकर कॉलोनी, माणिकबाग, भवरकुआं इलाके हैं, यहां बीतें 31 मार्च से अब तक करीब 8 हजार शरणार्थी कोरोना वैक्सीन लगवा चुके हैं। इनमें 18 प्लस, 45 प्लस और 60 साल से ज्यादा उम्र के भी कई लोग हैं। फिलहाल, शहर के 4 वैक्सीनेशन केन्द्रों पर इनके टीकाकरण की खास व्यवस्था की गई है। यहां रोजाना 300 से 350 डोज लगाए जा रहे हैं। सभी को टीके लगवाने की जिम्मेदारी संबंधित पंचायतों के प्रतिनिधियों ने समाज के लोगों को ही सौंपी गई है। उन्हीं को टीकाकरण केंद्र का प्रभारी भी नियुक्त किया गया है।

 

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की गई हैं ये व्यवस्थाएं, लेकिन फिर भी आ रही ये खास समस्या

प्रीतमलाल दुआ सभागृह टीकाकरण केन्द्र के प्रभारी भगवान दास कटारिया के मुताबिक, सिंधी समाज के सभी पाकिस्तानी शरणार्थी अपना कोई भी पहचान पत्र दिखाकर अपना डोज लगवा सकते हैं। यहीं नहीं, वो पहचान पत्र के अलावा अपना पासपोर्ट दिखाकर भी ववैक्सीन लगवा सकते हैं। इसके अलावा इन शरणार्थियों को विशेष परिस्थिति में एक ही कागजात पर एक से अधिक लोगों का टीकाकरण करने की ढील भी दी गई है। हालांकि, भगवान दास का कहना है कि, कंप्यूटर सिस्टम में विदेशी नागरिकों के लिये अलग से कोई कॉलम न होने के चलते इनकी व्यवस्था करने में समस्या आ रही है।

 

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भारत आकर आया जीवन में सुधार

कटारिया ने बताय कि, पाकिस्तान से बेहतर भविष्य की आस में भारत आए लोगों का मानना है कि, यहां आकर इनकी स्थितियों में बहुत सुधार आय है। लोगों का मानना है कि, जब वो हिंदुस्तान आए थे तब वो अपने पीछे बहुत कुछ छोड़कर आए थे, लेकिन यहां आने के बाद उन्हें जो सम्मान मिला और चैन की जिंदगी मिली है, इसपर उन्हें अपने पुराने कई जख्मों को भूलने में मदद मिली है।

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