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शिकायत का निराकरण करते हुए सीएम ने किया था ऐलान
बता दें कि, लॉकडाउन के दौर में ज्यादातर बिजली उपभोक्ता बढ़े हुए बिजली बिलों की शिकायत कर रहे थे। प्रदेशभर में कई उपभोक्ताओं द्वारा बिल माफी की मांग की जा रही थी। चुनावी मौसम में मुख्यमंत्री ने बिल माफी का ऐलान तो नहीं किया बल्कि पुरानी वसूली को रोकने का आदेश दे दिया। सितंबर से बिजली कंपनी ने जो नए बिल जारी किए उसमें पुराने एरियर को जोड़ना बंद कर दिया। सिर्फ चालू माह की खपत के बिल ही दी जा रही है।
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इंदौर के 1 लाख 40 हजार उपभोक्ताओं को राहत
सीएम के ऐलान के बाद कई उपभोक्ताओं को समझ आया कि, उनके बकाया बिल माफ हो सकते हैं। असर हुआ कि जो उपभोक्ता जुलाई तक नियमित बिजली बिल चुका रहे थे उन्होंने भी अगस्त के बिल जमा नहीं किए। बिजली कंपनी के आंकड़ों से ये साफ हो रहा है। बिजली कंपनी के मुताबिक, इंदौर में कुल एक लाख 40 हजार उपभोक्ता राहत के दायरे में आए हैं। इन सभी उपभोक्ताओं को पुराना बकाया एरियर छोड़कर बिल जारी किए गए हैं।
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75 करोड़ रुपये से ज्यादा है पुराना बकाया
कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, शहर के इन्हीं 1 लाख 40 हज़ार के करीब उपभोक्ताओं पर कुल 75 करोड़ रुपये से ज्यादा पुराना बकाया है। खास बात ये है कि, इनमें से कुल एक लाख दो हजार उपभोक्ता ऐसे हैं जिन पर बकाया राशि पांच हजार रुपये या उससे कम है। यानी ये उपभोक्ता लंबे समय से बकायादार नहीं है। इनमें से ज्यादातर उपभोक्ता ऐसे भी हैं, जो पहले नियमित बिल जमा कर रहे थे, लेकिन घोषणा होते ही अगस्त महीने में बिल जमा करना बंद कर दिया।