इंदौर. महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादूर शास्त्री की जयंती के अवसर पर शनिवार को कांग्रेस नेताओ ने उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण के साथ ही सर्वधर्म सभा का आयोजन किया। इस दौरान युवक कांग्रेस ने भी शहर ओर जिले में अलग-अलग आयोजन किए। गांधी जयंती के अवसर पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने उनकी प्रतिमा पर पहुंचकर माल्यार्पण किया। इसके साथ ही सभी नेता शास्त्री ब्रिज पर मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादूर शास्त्री की प्रतिमा पर भी पहुंचे और वहां भी माल्यापर्ण किया। इस दौरान कांग्रेस ने गांधी प्रतिमा पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित की थी। जिसमें गायत्री परिवार एवं सिख समाज द्वारा भजन किए गए। इस दौरान सभी धर्मों के लोग इसमें शामिल हुए। इस दौरान शहर अध्यक्ष ने इंदौर और महात्मा गांधी के रिश्तों को लेकर कहा कि इंदौर से महात्मागांधी की कई यादें जुड़ी है। इंदौर ही वो शहर था जहां महात्मा गांधी के मन में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने का विचार पहली बार आया था। इंदौर में महात्मा गांधी पहली बार 29 मार्च 1918 में हिंदी साहित्य समिति के मानस भवन का शिलान्यास और दूसरी बार 20 अप्रैल 1935 में इसी भवन का उदघाटन करने आए थे। भवन के उद्घाटन के लिए पहुंचे बापू को इंदौर के नेहरू पार्क में बैठकर ही सबसे पहले हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का विचार आया था। वहीं पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि आज सत्ताधारी भाजपा गाँधी से अपने स्वार्थ के हिसाब से मानते है, लेकिन उनके विचारों को खत्म करने का षडयंत्र रचा जा रहा है।वहीं जिलाध्यक्ष यादव ने बापू को याद करते हुए कहा कि उन्होनें भारत को खड़ा किया है, लेकिन आज एक विचार धारा उनको खत्म करके अपनी विचारधारा स्थापित करने की कोशिश कर रही है, जिसे हम कामयाब नही होने देंगे। युवक कांग्रेस ने भी किया आयोजन युवक कांग्रेस ने भी गांधी प्रतिमा पर पहुंचकर माल्यापर्ण किया। साथ ही युवक कांग्रेस नेताओं ने यहां चरखा चला कर महात्मा गांधी के विचारों को दैनिक जीवन में अपनाने का संदेश दिया। इसके साथ ही युवा कांग्रेस के साथियों ने गांधी प्रतिमा के आसपास प्रतिमा के फेरे लगा कर प्रतिकात्मक दांडी यात्रा भी की। इसी तरह से जिला युवक कांग्रेस ने महू रेलवे स्टेशन के सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष महात्मा गांधी के विचारो की संगोष्ठी आयोजित की गई।