विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के छह माह बाद ही कांग्रेस की मध्यप्रदेश में हालत खस्ता हो गई। 29 में से 28 सीट पर भाजपा ने एक तरफा जीत दर्ज कराई जहां से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को खासी उम्मीद थी। खराब प्रदर्शन के बाद में पार्टी में मंथन का दौर चल रहा है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री बनने की वजह से कमल नाथ प्रदेश कांग्रेस पर भी ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। पार्टी जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष बनने की तैयारी कर रही है।
दोनों नेता राष्ट्रीय सचिव, छोड़ सकते हैं मंत्री पद ! इसको लेकर एक बार फिर कांग्रेस में उठापटक का दौर शुरू हो गया है। गुना से लोकसभा चुनाव हारने वाले पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य संधिया चाहते हैं कि उनकी पसंद से अध्यक्ष की नियुक्ति हो। वे चाहते हैं कि परिवहन व राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत अध्यक्ष बनें ताकि पूरे प्रदेश में एक बार फिर पकड़ मजबूत हो जाए। राजपूत पूर्व में युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं जिसकी वजह से उनकी पकड़ प्रदेश में है। इधर, नाथ की पहली पसंद गृहमंत्री बाला बच्चन हैं। कैबिनेट मंत्री होने के साथ बच्चन वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। मजेदार बात ये है कि दोनों ही नेता राष्ट्रीय सचिव भी हैं और अपने आकांओं के कहने पर वे मंत्री पद छोड़ सकते हैं। इनके अलावा प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदारों में मंत्री सज्जनसिंह वर्मा और जीतू पटवारी का नाम भी शामिल हैं। पटवारी भी वर्तमान में कार्यकारी अध्यक्ष हैं जिनके ताल्लुक सीधे राहुल गांधी हैं। हालांकि नाथ नहीं चाहेंगे कि उनकी नियुक्ति हो।
सिंधिया का बढ़ सकता है कद गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में सिंधिया भले ही चुनाव हार गए, लेकिन दिल्ली में उनकी पकड़ और मजबूत हो गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से अच्छे संबंध तो पहले से थे बाद में उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने की वजह से प्रियंका गांधी की भी गुड लिस्ट में हैं। वहीं पार्टी अब नए चेहरों को खड़ा करने के मूड में हैं जिसमें सिंधिया के अलावा सचिन पायलेट जैसे नाम पर गहन मंथन चल रहा है। इस वजह से सिंधिया को प्रदेश में तवज्जो दी जा सकती है।