आम जनता तक फल पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन व नगर निगम ने दो पैकेज बनाकर सप्लाय की व्यवस्था शुरू की है। पहले में तरबूज और खरबूज को रखा गया है तो दूसरे में आम के साथ मौसंबी और पपीता शामिल है। आम की भी वैरायटी तय की गई, जिसमें व्यापारियों को बादाम आम बुलाकर ही देना है। जोनवार काम लेने के बाद कुछ फल व्यापारियों ने अवैध कारोबार भी शुरू कर दिया। सरकार से मिले निर्धारित सेंटर पर बेरोकटोक फलों की गाडिय़ां आ रही हैं।
इसकी आड़ में काला कारोबार भी शुरू कर दिया। हापुस और केसर आम की गाडिय़ां भी बुलाईं जा रही हैं। इन आमों को अपने खास ग्राहकों को बेचा जा रहा है। चूंकि सरकारी मुहर लगा हुआ कामकाज होने से कोई रोक-टोक और पूछताछ भी नहीं रहा है। निगम के अफसरों की इतनी फुर्सत नहीं है कि वह जांच कर ले। कुछ व्यापारी तो अन्य फलों का भी धंधा कर रहे हैं।
जैसे कोल्ड स्टोरेज में रखे सेवफल की पेटियां बुलाकर ऑर्डर पर उनका सप्लाय भी कर रहे हैं। गौरतलब है कि कलेक्टर व निगमायुक्त को कुछ जोन की गोपनीय शिकायत हुई है, जिसकी जांच शुरू हो गई है। ये व्यापारी सिंधी कॉलोनी सहित अन्य कई जगहों पर माल सप्लाय कर रहे हैं। दोषी पाए जाने पर माल जब्त करने के साथ ठेका भी निरस्त किया जा सकता है।
ट्रकों से उतर रहा माल
प्रत्येक जोन पर ८०० से हजार के बीच ऑर्डर आ रहे हैं। कहीं-कहीं दो-दो जोन का माल एक ही सेंटर पर आ रहा है। ऑर्डर और आने वाले माल का मिलान कर लिया जाए तो जमीन खिस जाएगी। ऑर्डर से कई गुना माल सेंटर पर उतर रहा है। निगम के निर्धारित पैक के अलावा छोटी गाडिय़ों से पूरे शहरभर में माल की अवैध सप्लाय की जा रही है।
प्रत्येक जोन पर ८०० से हजार के बीच ऑर्डर आ रहे हैं। कहीं-कहीं दो-दो जोन का माल एक ही सेंटर पर आ रहा है। ऑर्डर और आने वाले माल का मिलान कर लिया जाए तो जमीन खिस जाएगी। ऑर्डर से कई गुना माल सेंटर पर उतर रहा है। निगम के निर्धारित पैक के अलावा छोटी गाडिय़ों से पूरे शहरभर में माल की अवैध सप्लाय की जा रही है।