राजस्व के समय सीमा में होने वाले काम और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन संबंधित कामों में इंदौर तेजी से पिछड़ रहा है। आवेदनों का अंबार लगा हुआ है जिसके निराकरण को लेकर टीएल बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह समय समय पर निर्देश भी देते रहे हैं। इसके बावजूद कई तहसीलदारों के काम और प्रकरणों के निराकरण की गति कछुआ चाल की तरह बहुत ही धीमी है। ऐसे में जब प्रदेश स्तर पर होने वाली बैठकों में समीक्षा की जाती है तो जिले को नीचे देखना पड़ता है। कई बार समझाने के बावजूद ध्यान नहीं देने वालो की सर्जरी शुरू हो गई है।
कलेक्टर सिंह ने तहसीलदारों को इधर-उधर करना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत आईडीए की बेशकीमती जमीन को निजी व्यक्ति के नाम करने वाले मल्हारगंज तहसीलदार अनिल जैन से की गई थी। जिन्हें हटाकर हातोद कर दिया गया। नायब तहसीलदार सतेंद्र गुर्जर को हातोद से मल्हारगंज शिफ्ट किया गया। उसके बाद तहसीलदारों के इधर-उधर करने की मानो झड़ी लग गई। जयश परमार को अच्छा काम करने का इनाम मिला जिन्हें सांवेर से बिचोली हप्सी किया गया।
लूपलाइन में बैठे संजय गर्ग को सांवेर, प्रीति भिसे को जूनी इंदौर से राऊ, महेंद्र गौड़ को राऊ से भू अभिलेख, नीरज प्रजापति को देपालपुर से जूनी इंदौर और हर्षा वर्मा को मल्हारगंज से देपालपुर तबादला कर दिया गया। इसके अलावा कुछ तहसीलदारों पर अफसरों की सीधी और बारीक निगाह है। कुछ की तो शिकायतें हैं कि वे जानबुझकर नामांतरण की फाइलों को रोकते हैं। सत्यता पाए जाने पर कार्रवाई की पूरी संभावना है।
यहां भी हुआ बदलाव
इसके चलते विनोद रायकवार को अपर कलेक्टर के यहां से प्रभारी व सहायक अधीक्षक बना दिया। उनके स्थान पर अपर कलेक्टर पवन जैन के यहां संतोष श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया तो श्रीवास्तव की जगह अब मनीष मालवीय लेंगे जो सीलिंग के साथ अपर कलेक्टर राजेश राठौर का काम भी देखेंगे। देवेंद्र रावत को सीएम मॉनिट के साथ धर्मस्व व शिकायत शाखा की भी जिम्मेदारी दी गई। रोशनी रजक को सहायक प्रवाचक कलेटर के साथ ई मेल संबंधी काम की भी जिम्मेदारी दी गई।
इसके चलते विनोद रायकवार को अपर कलेक्टर के यहां से प्रभारी व सहायक अधीक्षक बना दिया। उनके स्थान पर अपर कलेक्टर पवन जैन के यहां संतोष श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया तो श्रीवास्तव की जगह अब मनीष मालवीय लेंगे जो सीलिंग के साथ अपर कलेक्टर राजेश राठौर का काम भी देखेंगे। देवेंद्र रावत को सीएम मॉनिट के साथ धर्मस्व व शिकायत शाखा की भी जिम्मेदारी दी गई। रोशनी रजक को सहायक प्रवाचक कलेटर के साथ ई मेल संबंधी काम की भी जिम्मेदारी दी गई।
अनुभवी बाबुओं को मिला काम
प्रशासनिक संकुल में अनुभवी बाबुओं की कमी होती जा रही है। लगातार रिटायर हो रहे हैं तो कुछ ने वीआरएस ले लिया। कुछ बाबू लूप लाइन में काम कर रहे थे, लेकिन कलेटर सिंह की दृष्टि उन पर पड़ गई। सिंह को मालूम है कि काम पर उनकी पकड़ मजबूत है। मुश्ताक खान को देपालपुर एसडीओ का रीडर बनाया गया। पिछले कुछ दिनों से एसडीएम लगातार रीडर की मांग कर रहे थे। इसके अलावा शिकायत शाखा संभाल रहे राजेंद्र व्यास को सांवेर भेजा गया।
प्रशासनिक संकुल में अनुभवी बाबुओं की कमी होती जा रही है। लगातार रिटायर हो रहे हैं तो कुछ ने वीआरएस ले लिया। कुछ बाबू लूप लाइन में काम कर रहे थे, लेकिन कलेटर सिंह की दृष्टि उन पर पड़ गई। सिंह को मालूम है कि काम पर उनकी पकड़ मजबूत है। मुश्ताक खान को देपालपुर एसडीओ का रीडर बनाया गया। पिछले कुछ दिनों से एसडीएम लगातार रीडर की मांग कर रहे थे। इसके अलावा शिकायत शाखा संभाल रहे राजेंद्र व्यास को सांवेर भेजा गया।