इस सबके बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां घायलों के परिजन ने सीएम और गृहमंत्री की मौजूदगी में सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर दी। लोगों के विरोध के चलते सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें जल्दी ही वहां से निकलना पड़ा।
कांग्रेस का तंज
लोगों के इस विरोध के चलते कांग्रेस को भी तंज कसने का मौका मिल गया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी एक ट्वीट में लोगों के विरोध का वीडियो जारी करते हुए कहा गया कि, ‘मुख्यमंत्री शिवराज समेत सभी बीजेपी नेताओं को एप्पल अस्पताल हादसे में शामिल परिवारों ने विरोध कर खदेड़ा। बीजेपी नेताओं और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी कर कहा कि, काहे का नंबर 1 जब किसी आपदा से निपटने के साधन और व्यवस्था ही नहीं।’ यही नहीं, कांग्रेस ने आगे सवाल किया कि, शिवराज जी, यही है आपके 18 वर्षों का हासिल ?
बीजेपी नेता पर हाथापाई का आरोप
वहीं, एक अन्य ट्वीट में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भाजपा नेता पर हादसे में घायलों के दुखी परिजन के साथ हाथापाई का आरोप लगाया। कांग्रेस ने इस संबंध में भी एक वीडियो के साथ ट्वीट करते हुए लिखा कि, बीजेपी नेता कि शर्मनाक करतूत, इंदौर हादसे में अपनों को खोने वालों से की हाथापाई, मुख्यमंत्री शिवराज के विरोध में नारे लगा रहे परिजनों से बीजेपी के शहर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने हाथापाई कर बेशर्मी का इतिहास रच दिया। शिवराज जी, मरहम लगाने गये थे या जख्म देने ? “बेशर्म बीजेपी”।
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ये था मामला
आपको बता दें कि, हादसे के बाद शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मुख्मंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, विधायक आकाश विजयवर्गीय समेत कई भाजपा नेताओं के साथ हादसे का शिकार घायलों से मुलाकात कर उनका हालचाल जानने पीड़ित परिवारों से मिलने अस्पताल पहुंचे थे। यहां हादसे के घायलों के परिजन ने उनके विरोद में नारेबाजी शुरु कर दी। विरोध करने वाले पीड़ितों का कहना था कि, इंदौर नंबर वन है… काहे का नंबर – 1, जब साधन और व्यवस्था ही नहीं है ? लोगों ने गुस्सा जताते हुए कहा कि, सेना को पहले ही बुला लेते तो कई लोगों की जान बच जाती। इस विरोध प्रदर्शन का वीडियो अब सोशल मीडजिया पर भी काफी वायरल होने लगा है।
नाराज पीड़ितों को मनाने उतरे विधायक
जब जनता नारेबाजी कर रही थी तो सीएम का बचाव करने और जनता को समझाने भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को मोर्चा संभालना पड़ा। हालांकि, रेस्क्यू में देरी का हवाला देते हुए नाराजगी जाहिर करने वाले घायलों और मृतकों के परिजन ने विधायक की भी एक ना सुनी, बल्कि उनपर ही आक्रोश व्यक्त किया। लोगों का कहना है कि, ‘मुख्यमंत्री जब अस्पताल पहुंचे तो लोग उनसे इतने सारे लोगों की मौत का कारण जानना चाहते थे और जिम्मेदारों पर कार्रवाई जैसी मुद्दों पर बात करना चाहते थे, लेकिन घायलों के परिजन मुख्यमंत्री से मिल पाते, इसके पहले ही सुरक्षा बल और नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने उन्हें रोकना चाहा।’ हालांकि इसके बाद भी जब लोग नहीं मानी तो सीएम नारेबाजी के बीच ही मौके से रवाना हो गए।
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दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज
बेलेश्वर महादेव मंदिर में मौजूद बावड़ी में हुए घटनाक्रम में पुलिस ने पूर्व पार्षद सेवाराम गलानी के साथ एक अन्य व्यक्ति पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। मामले में पुलिस कमिश्नर मकरंद देवस्कर के मुताबिक, ‘हमने पूर्व पार्षद सेवाराम गलानी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में केस दर्ज किया है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है, जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।’
15 दिनों में जांच करने के निर्देश
इंदौर कलेक्टर टी. इलैयाराजा ने इस मामले की जांच अपर कलेक्टर को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. साथ ही 15 दिन में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं. आदेश के तहत यह जानने का प्रयास रहेगा कि मृतकों की किन परिस्थितियों में मृत्यु हुई? घटना का घटनाक्रम क्या था? घटनाक्रम में क्या परिस्थितियां थीं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए क्या किया जाए. इन्हीं बिंदुओं पर जांच की जाएगी और एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी।