इसकी वजह दोनों ही राजनेतिक दलों के नेताओं के साथ उसका याराना है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से रेसीडेंसी कोठी के कमरे में मुलाकात करने वाला बॉबी कई मौकों पर दोनों पार्टियों के प्रमुख नेताओं के साथ देखा गया। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला के साथ बॉबी कई बार सार्वजनिक स्थानों पर सामने आ चुका है।
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दिग्विजय, कैलाश के दौर में पनपा
बॉबी की राजनीतिक शुरुआत पिता इंदर सिंह के चलते हुई। दिग्विजय सिंह की सरकार 1993 से 2003 के दौरान बॉबी को युवक कांग्रेस का शहर अध्यक्ष बनाने की तैयारी थी। इस दौरान जमीन के धंधे में आगे बढ़ा। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के महापौर काल 2000-2005 में कॉपरेटिव सोसाइटियों की जमीन का खेल शुरू किया।
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इन नेताओं का खास दोस्त
विजयवर्गीय-मेंदोला: जमीनों के खेल के दौरान बॉबी की नजदीकियां विजयवर्गीय खेमे से बढ़ती गई और रमेश मेंदोला से दोस्ती प्रगाढ़ हुई। मेंदोला और बॉबी कई बार सार्वजनिक तौर पर सामने आए। पिछले दिनों कांग्रेस नेता महेश जोशी के निधन के बाव उनके घर पर शोक प्रकट करने भी मेंदोला के साथ पहुंचा था। कांग्रेस नेता रघु परमार, शेख अलीम, गोलू अग्निहोत्री से भी उसकी नजदीकियां कई बार सार्वजनिक हो चुकी हैं।
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सीएम ने कहा था बब्बू-छब्बू, बॉबी नहीं बचेगा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में कहा था, कोई बब्बू-छब्बू, बॉबी नहीं बचेगे। बब्बू हो या बॉबी किसी को नहीं छोड़ेंगे। कोई भभी भी माफिया नहीं बचेगा। लेकिन भू- माफिया बाँबी छाबड़ा को प्रशासन और सहकारिता विभाग ने ही बचा लिया। सहकारिता विभाग ने उसके साथी संदीप रमानी के कार्यालय में मिले दस्तावेज के आधार पर संदीप आदि पर केस दर्ज कराया पर बाद में खुद ही उसे खत्म करा दिया। दिसंबर 2019 में शुरू हुए माफिया अभियान-2 में भी बॉबी पर शिकंजा कसा था, पर धीरे-धीरे उसे रियायत मिलती जा रही है।