केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में क्लीनेस्ट सिटी आफ इंडिया इंदौर को घोषित किया गया है। लगातार इंदौर ने पांचवी बार देश में अव्वल रहकर एक रिकार्ड कायम किया है। राष्ट्रपति कोविन्द की ओर से 342 शहरों को सम्मानित किया गया, जिन्हें ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2021’ में गारबेज फ्री सिटी और सफाई मित्र चैलेंज की श्रेणी में पुरस्कार दिया गया।
निगम आयुक्त और कलेक्टर ने लिया अवार्ड
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 परिणाम की घोषणा के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इंदौर नगर निगम आयुक्त और कलेक्टर को यह अवार्ड दिया। राष्ट्रपति ने इंदौर की तारीफ करते हुए कहा कि प्रथम पुरस्कार प्राप्त करना तो प्रशंसनीय है, लेकिन लगातार 5 बार पहले नंबर पर बने रहना बड़ी बात है। इसके अलावा इंदौर सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में भी इंदौर नंबर वन बन गया है।
स्वच्छता सर्वेक्षण में एमपी के 25 शहर
10 लाख आबादी वाले शहरों में इंदौर के अलावा मध्यप्रदेश के 25 शहरों को स्थान मिला है। जिसमें भोपाल सातवें, ग्वालियर 15वें और जबलपुर 20वें नंबर पर रहा। एक लाख से 10 लाख तक आबादी वाले शहरों में प्रदेश के 25 शहरों के नाम है। 50 हजार से एक लाख आबादी वालों में 26 शहरों के नाम है। 25 हजार आबादी वाले शहरों में 26 शहरों के नाम शामिल है।
इंदौर के बारे में खास 1- स्वच्छता से शहरवासियों की आदत में हुआ बड़ा बदलाव। अब कचरा फेंकने की बजाय हर नागरिक डस्टबिन में ही डालता है।
2. सफाई मित्रों के प्रति रवैया बदला। उनकी सामाजिक भूमिका को सम्मान की नजर से देखा जाने लगा है। इसी के परिणाम स्वरूप सफाई मित्र इंदिरा बाई भी राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में हिस्सेदारी करने नई दिल्ली गई हैं।
3. देश ही नहीं दुनिया में भी इंदौर का रुतबा और इमेज बदली है। अब स्वच्छता पर्यटन के लिए देश-दुनिया से लोग यहां आने लगे हैं।
4. स्वच्छता में चार बार नंबर वन के तमगे से इंदौर और इसके आसपास निवेशक आकर्षित हुए। औसतन प्रति वर्ष 350 उद्योग लग रहे हैं।
5. पीपीपी मॉडल को लेकर इंदौर की देश में पहचान है। स्वच्छता अभियान से इसी पहचान को बढ़ावा मिला। जनता और तंत्र की दूरी कम हुई।
इन कार्यों ने बढ़ाया इंदौर का मान