इंदौर में तीन दिनों तक चलने वाली जी-20 समिट में शामिल होने आए मेहमानों के लिए मालवा और निमाड़ की संस्कृति की झलक भी देखने को मिल रही है। इन मेहमानों के लिए ऐतिहासिक मांडू को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। यहीं पर मेहमानों के लिए तरह-तरह के व्यंजन परोसे जाएंगे।
पर्यटन विकास निगम के मालवा रिसोर्ट में अतिथियों का डिनर रखा गया है। डिनर में मीठे में केसर गुलकंद फिरनी और चुकंदर का हलवे का स्वाद भी मिलेगा। मैन्यू में मध्यप्रदेश के पारंपरिक पकवानों के साथ ही चायनीज और इटालियन व्यंजन भी शामिल हैं। अतिथियों का स्वागत वेलकम ड्रिंक के साथ होगा। अलग-अलग प्रकार के स्टार्टर की व्यवस्था की गई है। दो तरह के सूप भी परोसे जाएंगे। छह तरह के सलाद को भी मैन्यू में शामिल किया गया है। मैन कोर्स मैन्यू में तिल और धनिया आलू, लच्छा पनीर के अलावा कई सीजनल सब्जियों के पकवान शामिल किए गए हैं।
125 से अधिक मेहमान इस समय इंदौर में हैं। उन्हें घुमाने के लिए मांडू ले जाया जा रहा है। वे ऐतिहासिक मांडू की इमारतों जैसे जहाज महल, हिंडोला महल, रानी रूपमति और बाजबहादुर के महल के सौंदर्य को निहारेंगे टूरिज्म डिपार्टमेंट ने उनके लिए लाइट एंड साउंड सो की भी व्यवस्था की है। जहाज महल परिसर में यह शो आयोजित होगा।
जहाजमहल जाएंगे डेलिगेट्स
मांडू का ऐतिहासिक जहाज महल और वर्लड हेरिटेज सिटी सांची के स्तूप पर्यटकों के लिए रात तक खोले जाएंगे। यह ऐतिहासिक इमारतें आकर्षक ढंग से सजाई गई हैं। कई पर्यटन स्थलों पर ले जाने के लिए सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इंदौर जिले से लेकर धार जिला प्रशासन ने भी कई तैयारी कर रखी है।
तीन दिवसीय मीटिंग इंदौर में
दुनिया के G-20 देशों के प्रतिनिधि इंदौर में हैं। यहां श्रम, रोजगार और कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्रों की मौजूदा वैश्विक चुनौतियों का हल ढूंढने के लिए बात हो रही है। भारत एक साल के लिए जी-20 समूह की अध्यक्षता कर रहा है। इंदौर के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित बैठक 19 से 21 जुलाई तक चलेगी। इडब्ल्यूजी की जोधपुर, गुवाहाटी और जिनेवा में आयोजित पिछली बैठकों के प्रयासों पर भी चर्चा होगी और अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बैठक में 86 डेलिगेट्स शामिल हुए हैं। देश के सबसे स्वच्छ शहर में आयोजित इस बैठक में मौजूद इडब्ल्यूजी की अध्यक्ष एवं श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव आरती आहूजा ने बताया कि चौथी और अंतिम बैठक से पहले बताया था कि हम G20 के जरिए कोशिश कर रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगटन (ELO) और आर्थिक सहयोग व विकास संगठन (OECD) को एक खाका तैयार करने की जिम्मेदारी दी जाए। यह खाका इस बात पर केंद्रित होगा कि दुनिया के अलग-अलग देशों में किस तरह के हुनरमंद लोगों का अभाव है और इस कमी को दूर करने के लिए लोगों को कौन-कौन से हूनर सीखने की जरूरत है।