बुधवार सुबह अस्पताल पहुंची सीईओ नेहा मीणा ने महिला मरीजों से चर्चा कर फीडबैक लिया। महिलाओं ने शौचालय गंदे होने की बात कही। यूरीन सैंपल देने वाले स्थान पर भी काफी गंदगी थी। वॉर्ड में बिछे चादर व कवर गंदे मिले। उन्होंने ड्यूटी डॉक्टर व कर्मचारियों से कारण पूछा तो बताया गया कि साफ-सफाई का काम आउटसोर्सिंग के जरिए सिविल सर्जन कार्यालय से ठेके पर दिया गया है। टेंडर खत्म होने के बाद नया टेंडर नहीं किया गया, इसलिए ठेकेदार जरूरत के मुताबिक कर्मचारी मुहैया नहीं करा रहा।
निजी अस्पताल जैसी मिले सुविधाएं मीणा ने कहा कि साफ-सफाई के अलावा यहां मरीजों के बैठने की व्यवस्था नहीं मिली। पर्ची काउंटर पर लंबी लाइन थी। आठ अधिकारी-कर्मचारियों को नोटिस देकर जवाब मांगा है। साफ-सफाई का ठेका लेने वाली कंपनी को भी नोटिस जारी किया है। यहां व्यवस्थाएं सुधारने के लिए टीम के साथ चर्चा कर निर्णय लिए जाएंगे। निजी अस्पतालों की तर्ज पर मरीजों को सुविधाएं मिले इसके संयुक्त प्रयास किए जाएंगे।