एमपी के इंदौर में 10वीं क्लास में 15 हजार छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे, जबकि 12वीं में 12 हजार से ज्यादा थी। हालांकि, अगर बात करें पिछले शेक्षणिक वर्ष से इस शेक्षणिक वर्ष की तो फीसद में कमी आई है। जैसे साल 2021-22 के शेक्षणिक सत्र की तो उस साल 12वीं कक्षा का रिजल्ट 92.71 फीसद रहा था। जबकि, 10वीं कक्षा का 94.4 फीसद रहा। वहीं, बात करें 2022-23 सत्र की बात करें तो 12वीं कक्षा का रिजल्ट 87.33 फीसद रहा है, जबकि 10वीं कक्षा का रिजल्ट 93.12 फीसद आया है। इस हिसाब से पिछली बार के मुकाबले 12वीं कक्षा में 5 फीसदी से अधिक कमी आई है। जबकि, 10वीं कक्षा के परिणामों में 1 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।हालांकि, जिन छात्रों ने बाजी मारी है, वो भी बेहद खास है। तो आइये जानते हैं शहर ते टॉपर्स की सक्सेस का मंत्र।
स्टूडेंट्स बोले- टीचर्स की मेहनत और दिन-रात पढ़ने का आया है नतीजा
-सक्सेस मंत्र… जो भी काम करो पूरी ईमानदारी से करो
नाम – देवांगी शाह
कक्षा – 12वीं
स्ट्रीम – कॉमर्स प्लस मैथ्स
परसेंट – 98.8
माता – साधना शाह
पिता – चेतन शाह
मैं हमेशा से एकेडमिक्स में टॉपर रही हूं। 12वीं में भी अच्छा स्कोर लाने का ड्रीम था, इसके लिए मैंने शुरू से ही मेहनत की थी। एकाग्रता बनाकर रखी। मैं कुछ देर ही स्टडी करती थी लेकिन बहुत क्वालिटी स्टडी करती थी। जनवरी में बड़ी बहन की शादी की डेट आ गई थी और फरवरी में मेन एक्जाम थी, शादी भी शहर से बाहर थी लेकिन मैंने बिना टेंशन शादी भी अटेंड की और उस दौरान उतनी ही पढ़ाई भी जितना आम दिनों में करती थी। जनवरी में भी प्री-बोर्ड एक्जाम चली रही थी, लेकिन ये सोचकर पढ़ाई कन्टीन्यू करती गई कि मेन एक्जाम है। ऐसे में बोर्ड एक्जाम की ज्यादा टेंशन नहीं हुई, और मेहनत करती रहीं।
सक्सेस मंत्र…एकाग्रता बनाए रखना बहुत जरूरी
नाम – नम्या जैन
कक्षा – 12वीं
स्ट्रीम – पीसीबी
स्कूल – आर्मी पब्लिक स्कूल, महू
परसेंट – 98.2
माता – राजुल गोयल
पिता – निनेश कुमार जैन
मैंने कोचिंग और स्कूल के अलावा तीन से चार घंटे पढ़ाई की और जो भी पढ़ती थी उसे रिवाइज बहुत अच्छे से करती थी और वो भी तब तक जब तक कि मैं उस सब्जेक्ट या चेप्टर को पूरी तरह से समझ न लूं, इसके बाद जो भी डाउट्स होते थे उसे तुरंत टीचर्स से क्लीयर कर लेती थी। मैं कॉम्पटीटीव एक्जाम नीट के लिए भी तैयारी कर रही हूं। इसके लिए भी अलग से पढ़ाई करती थी। मैं एमबीबीएस करना चाहती हूं और डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहती हूं, इसलिए पढ़ाई पर पूरा फोकस करती हूं और सोशल मीडिया से हमेशा दूरी बनाकर रखी और इसके साथ-साथ मैंने स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी कन्टीन्यू की।
सक्सेस मंत्र… हार्ड वर्क और कंसिस्टेंसी
नाम – अवनि कौर चड्ढा
परसेंट – 99
कक्षा – 10वीं
स्कूल – एमरल्ड हाइट्स स्कूल
माता – रवनीत कौर
पिता – प्रभजौत कौर चड्ढा
मेरे बहुत से फ्रेंड्स ने 10वीं की स्टडी के दौरान मोबाइल से दूरियां बना ली थी लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। मैंने कभी मोबाइल नहीं छोड़ा, बल्कि मोबाइल का सही इस्तेमाल किया और अपनी फ्रैंड्स के साथ क्वेश्चन-ऑन्सर पर बात की, इससे पढ़ाई से ब्रेक भी मिला और इस तरह हमेशा रिलेक्स होकर स्टडी की। मम्मी शिक्षक है इसलिए उन्होंने मेरी मैथ्स में काफी हेल्प की। मैं टीम इंडिया की डिबेट मेंबर भी हूं, इससे भी काफी हेल्प मिली।
सक्सेस मंत्र…हार्ड वर्क करेंगे तो सक्सेस जरूर मिलेगी
नाम – अनुश्री सिन्हा
कक्षा – 12वीं
स्ट्रीम – ह्यूमैनिटी
स्कूल – डीपीएस
परसेंट – 98.6
माता – नीलम सिन्हा
पिता – रजनीश सिन्हा
मुझे हमेशा से डांस का शौक रहा है और डांस के वीडियोज भी बनाती हूं लेकिन इन सबका इफेक्ट कभी पढ़ाई पर नहीं होने दिया। न ही कभी पढ़ाई को लेकर पैरेंट्स ने प्रेशर डाला और डांस के लिए मना किया। मेरी सक्सेस का एक बहुत बड़ा कारण घर का वातावरण भी है। हमेशा से ही घर में मुझे पॉजीटिव माहौल मिला है और मुझे लगता है ऐसे माहौल में ही आप अच्छा रिजल्ट दे सकते हो। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं टॉप करूंगी लेकिन हार्डवर्क किया है तो उसका परिणाम भी वैसा ही मिला। मुझे इसी तरह आगे भी कड़ी मेहनत करना है और अपने मुकाम को हासिल करना है। अभी तय तो नहीं कि क्या करना क्या है, लेकिन माता-पिता और स्कूल का नाम रोशन करना है।
सक्सेस मंत्र…टारगेट पर फोकस करें
नाम – मान्या गुप्ता
कक्षा – 12वीं
स्ट्रीम – पीसीएम
स्कूल – सत्यसांई स्कूल
परसेंट – 98
माता – अंजली गुप्ता
पिता – मनोज गुप्ता
मुझे रनिंग का काफी शौक रहा है इसलिए रनिंग तो करती ही थी और एक्जाम पर भी फोकस करती थी। मैं कभी कोचिंग नहीं गई बल्कि जो भी स्टडी की स्कूल के अलावा सेल्फ ही की और न ही मुझे कभी ऐसा लगा कि मुझे कोचिंग जाना है। मेरे सारे डाउट्स स्कूल में ही क्लीयर हो जाते थें। मैंने हमेशा फोकस स्टडी की और स्कूल के अलावा 8-8 घंटे पढ़ाई की, इसके लिए मैं शेड्यूल बनाकर पढ़ती थी। डेली का टारगेट बनाकर रखती थी और उस टारगेट को उसी दिन पूरा भी करती थी, चाहे जितना भी समय लगे। मुझे पापा हमेशा यही कहते हैं कि रिजल्ट पर फोकस न करके मेहनत करो और मैंने यही किया। मैं बीएससी करना चाहती हूं इसलिए हमेशा से ही फोकस स्टडी की है।
सक्सेस मंत्र…मेहनत से मिलती है सफलता
नाम – भाव्या संघवी
परसेंट – 98.8
कक्षा – 10वीं
स्कूल – एमरल्ड हाइट्स स्कूल
माता – जीनल संघवी
पिता – धवल संघवी
मैंने शुरुआत से ही अपनी पढ़ाई को लेकर सारे फंडे क्लीयर रखे थे, जिसमें मैंने तय करके रखा था कि मुझे एक्जाम के दौरान पूरा डिवोडेट होकर पढ़ना है। रोजाना चार से पांच घंटे पढ़ाई करता था। 10वीं की पढ़ाई के दौरान ही मैंने यूनिवर्सिटी ऑफ केलिफोर्निया से दो माह का कोर्स भी किया था लेकिन किसी भी तरह से अपनी स्कूल की पढ़ाई पर असर नहीं होने दिया। मुझे इंजीनियर बनना है और इसके लिए आगे भी मुझे कड़ी मेहनत करना है। माता-पिता और टीचर्स से हमेशा यही सीख मिली है कि जब हम हार्ड वर्क करते हैं तो उसके परिणाम भी वैसे ही होते है, जो सच भी है।