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13 मई से अब तक 439 मरीज हो चुके हैं भर्ती, 84 स्वस्थ हुए, 32 की मौत
आपको बता दें कि, एमवायएच में ही मध्य प्रदेश के ब्लैक फंगस से ग्रस्त सबसे अधिक मरीजो का इलाज चल रहा है। जहां इंदौर के अलावा अन्य जिलों के मरीज भी भर्ती हैं। इस बाबत एमवायएच के अधीक्षक प्रमेंद्र ठाकुर ने बताया, ‘हमारे अस्पताल में ब्लैक फंगस का पहला मरीज 13 मई को भर्ती किया गया था। इसके बाद से लेकर अब तक इसके कुल 439 मरीज भर्ती किये जा चुके हैं। खुशा की बात ये भी है कि, इनमें से 84 लोग स्वस्थ होकर अपने घर भी लौट चुके हैं। जबकि, 32 मरीजों की मौत हो चुकी है।’
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20 दिनों में 200 से अधिक सर्जरी
एमवायएच के अधीक्षक प्रमेंद्र ठाकुर के मुताबिक, अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों की वर्तमान मृत्यु दर 7.29 फीसदी है और ये दर प्रदेश के अन्य अस्पतालों के मुकाबले कम है। उन्होंने बताया कि, ब्लैक फंगस के मरीजों की जान बचाने के लिए पिछले 20 दिनों के भीतर ही यहां 200 से अधिक मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है। उन्होंने ये भी बताया कि, एमवायएच में फिलहाल ब्लैक फंगस के 323 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 14 लोग कोरोना संक्रमित हैं, जबकि 301 लोगों में कोरोना से उबरने के बाद ब्लैक फंगस के लक्षण देखे गए। ब्लैक फंगस के 8 अन्य मरीज ऐसे भी हैं, जिन्हें कोरोना होने का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
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कोरोना से उबरने वाले 93 फीसदी आए ब्लैक फंग की चपेट में
बहरहाल, आंकडों पर गौर करें, तो 93 फीसदी मरीज कोविड-19 संक्रमण से मुक्त होने के बाद ब्लैक फंगस के शिकार हुए हैं। वैसे इंदौर मध्य प्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 1,50,516 मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें से 1 हजार 347 लोगों की इलाज के दौरान मौत हुई है।
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