दीनदयाल भवन में कल नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे के नेतृत्व में महापौर पुष्यमित्र भार्गव व उनकी परिषद के सदस्यों की एक अहम बैठक हुई। उसमें वरिष्ठ नेता व विधायकों को भी बुलाया गया था। बैठक में पहुंचने वालों में आईडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे, सुदर्शन गुप्ता व
मधु वर्मा प्रमुख थे। बैठक में नगर निगम की गतिविधियों को लेकर चर्चा हुई तो सभी एमआईसी सदस्यों ने
अपने-अपने विभागों की जानकारी दी।
मधु वर्मा प्रमुख थे। बैठक में नगर निगम की गतिविधियों को लेकर चर्चा हुई तो सभी एमआईसी सदस्यों ने
अपने-अपने विभागों की जानकारी दी।
चर्चा के दौरान एक विषय ये भी आया कि अधिकतर पार्षद नए हैं, जिनको नगर निगम में काम कैसे होता
है, उसकी प्रक्रिया या है और उनके अधिकार या-या हैं, इसकी जानकारी नहीं है। ऐसे में उन्हें समझाना बहुत जरूरी है। सीखने में ही समय निकल जाएगा। रणदिवे ने साफ कहा कि इसलिए उन्हें प्रशिक्षण देना आवश्यक है। उनके कामों का असर सीधे जनता पर पड़ेगा।
है, उसकी प्रक्रिया या है और उनके अधिकार या-या हैं, इसकी जानकारी नहीं है। ऐसे में उन्हें समझाना बहुत जरूरी है। सीखने में ही समय निकल जाएगा। रणदिवे ने साफ कहा कि इसलिए उन्हें प्रशिक्षण देना आवश्यक है। उनके कामों का असर सीधे जनता पर पड़ेगा।
महापौर भार्गव ने प्रशिक्षण वर्ग की तारीख तय करने का आग्रह किया। संभावना है कि 3 सितंबर को दिनभर का वर्ग रखा जा सकता है, जिसमें सभी विषयों के जानकारों को बुलाकर अलग-अलग सत्र रखे जाएंगे। बैठक को लेकर संगठन का स्पष्ट रुख है कि महिला पार्षदों को ही प्रवेश दिया जाएगा। उनके पति व अन्य रिश्तेदारों को अनुमति नहीं होगी।
हारे वार्डों पर फोकस
85 में से भाजपा ने 64 वार्डों में जीत हासिल की तो कांग्रेस के खाते में 19 और दो निर्दलीय पार्षद हैं। हारे हुए 21 वार्डों में से 9 वार्ड मुस्लिम है। अब बचे हुए 12 वार्डों पर फोकस करने के लिए भाजपा विशेष रणनीति बना रही है। इसके अलावा क्षेत्र के एमआईसी सदस्य व अन्य मजबूत पार्षदों को उस वार्ड की जिम्मेदारी दी जाएगी।
85 में से भाजपा ने 64 वार्डों में जीत हासिल की तो कांग्रेस के खाते में 19 और दो निर्दलीय पार्षद हैं। हारे हुए 21 वार्डों में से 9 वार्ड मुस्लिम है। अब बचे हुए 12 वार्डों पर फोकस करने के लिए भाजपा विशेष रणनीति बना रही है। इसके अलावा क्षेत्र के एमआईसी सदस्य व अन्य मजबूत पार्षदों को उस वार्ड की जिम्मेदारी दी जाएगी।
विधानसभा-लोकसभा पर फोकस
वर्ष-2023 में विधानसभा और 2024 में लोकसभा के चुनाव हैं। हमको अभी से उस पर फोकस करना चाहिए। जनता के काम नहीं होंगे तो उसका सीधा असर परिणामों पर भी आएगा इसलिए जमीनी तौर पर काम मजबूती से करना होगा। नए होने का असर जनता के काम पर नहीं पडऩा चाहिए। इस पर पुराने अनुभवियों की जवाबदारी भी बढ़ जाती है इसलिए काम पर फोकस किया जाए। साथ में त्रिदेव को मजबूत करेंगे ताकि मैदान में पकड़ उतनी ही मजबूत हो सके।
वर्ष-2023 में विधानसभा और 2024 में लोकसभा के चुनाव हैं। हमको अभी से उस पर फोकस करना चाहिए। जनता के काम नहीं होंगे तो उसका सीधा असर परिणामों पर भी आएगा इसलिए जमीनी तौर पर काम मजबूती से करना होगा। नए होने का असर जनता के काम पर नहीं पडऩा चाहिए। इस पर पुराने अनुभवियों की जवाबदारी भी बढ़ जाती है इसलिए काम पर फोकस किया जाए। साथ में त्रिदेव को मजबूत करेंगे ताकि मैदान में पकड़ उतनी ही मजबूत हो सके।