जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है। भाजपा में सबसे ज्यादा हलचल एक नंबर विधानसभा में है जहां पर सुदर्शन गुप्ता पूरी ताकत से फिर से काम पर जुट गए हैं तो उनके सामने नाराज नेताओं ने भी मैदान संभाल लिया है। हाल ही में ऐसे नेता व कार्यकर्ताओं की बड़े गणपति एक पार्टी हुई थी जिसमें कई खाटी के नेता भी शामिल हुए। सांसद महेंद्र सोलंकी, आइडीए उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला, अमरदीप मौर्य, दिनेश शुक्ला व चार पार्षद मौजूद थे।
उनके अलावा विधानसभा के प्रभारी वीरेंद्र कावडिय़ा भी थे। सुदर्शन को आने वाले दिनों में होने वाले बवाल का अहसास हो गया। इसके चलते विशेष रणनीति पर काम शुरू कर दिया गया। सभी नाराज नेताओं से मुलाकात कर मनाने का सिलसिला शुरू कर दिया गया। इसके लिए विधानसभा के संयोजक व एमआइसी सदस्य निरंजनसिंह चौहान व जयदीप जैन को काम पर लगाया गया। ये लोग पहले जाकर बात कर रहे हैं ताकि नाराजगी की वजह को भांप सके।
इसके एक-दो दिन बाद सुदर्शन मिलने पहुंचते हैं। अपने पुराने रिश्तों का हवाला देकर बात शुरू होती है। नाराज नेता के गुस्से को खत्म करने का प्रयास किया जाता है। आखिर में कसमें वादे करके वे मनाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ जगह पर उन्हें सफलता मिल रही है तो कुछ मानने के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि सुदर्शन ने उनका कभी भला नहीं किया। पार्षद का टिकट हो या अन्य जगह उपकृत करने का मामला उन्होंने अपने पॉकेट के माल को आगे बढ़ाया जिसका गुस्सा अंदर तक भरा है।
सामने से भी दी जा रही हवा
कांग्रेस के कुछ नेता भी सुदर्शन के विरोधियों से संपर्क में हैं। लगातार उन्हें हवा देने की कोशिश कर रहे हैं। वे तो ये चाहते हैं कि टिकट सुदर्शन को ही मिले और ये सारे नेता व कार्यकर्ता पिछले चुनाव की तरह खुलकर विरोध में मैदान पकड़ लें ताकि विधानसभा में जीत आसान हो जाए। उन्हें मालूम है कि कोई नया नाम सामने आ गया तो एक नंबर के सारे नेता एक जाजम पर आकर मैदान पकड़ लेंगे। परिणाम लोकसभा और नगर निगम चुनाव की तरह ही सामने आएंगे जिसमें पार्टी का करारी हार हो सकती है। कांग्रेसियों के संपर्क में जो नेता हैं वे एक नंबर भाजपा में पूरी ताकत से जहर घोलने का प्रयास भी कर रहे हैं।
नेताओं को आ रहे हैं सपने
गौरतलब है कि गुजरात चुनाव की तर्ज पर भाजपा ने मध्यप्रदेश में भी टिकट वितरण किए तो एक नंबर हारी हुई सीट पर नए प्रत्याशी को मौका दिया जाएगा। इस उम्मीद से कई नेताओं के चुनाव लडऩे के सपने आ रहे हैं। उसमें युवाओं की भी संख्या काफी बड़ी है। वे पूरी ताकत से एक नंबर तो ठीक भोपाल तक अंदर ही अंदर लॉबिंग भी कर रहे हैं।