लोकसभा इलेक्शन की घोषणा में इंदौर को सातवें और अंतिम चरण में रखा गया। यहां 19 मई को वोटिंग होगी। चुनाव एलान से पहले हाई एक्शन मोड में रहे भाजपाई घोषणा के बाद से ही एकदम से पस्त हो गए। अब शहर में न तो कोई कार्यक्रम हो रहा है और न ही किसी और तरह की हलचल। भाजपा कार्यालय भी सूना-सूना सा ही नजर आता है। शाम को जरूर थोड़ी चहल-पहल नजर आती है।
दरअसल इंदौर में भले ही ताई का नाम सबसे ऊपर चल रहा है, लेकिन अभी भाजपा ने कोई लिस्ट जारी नहीं की। लिस्ट भी जारी होगी तो उसी हिसाब से जिस हिसाब से वोटिंग है यानी इंदौर के लिए किसी अधिकारिक घोषणा में समय लगेगा। इसलिए भी भाजपाई इंतजार कर रहे हैं कि एक बार नाम सामने आ जाए तो उसके लिए लगा जाए। दूसरा चुनाव में पूरे दो महीने बचे हैं। ऐसे में कार्यकर्ताओं और सदस्यों को दो महीने तक चुनावी रण में तैनात रखना भी काफी मुश्किल है।
संगठन ने भी दिया आराम कार्यकर्ताओं की भावना पार्टी भी समझती है इसलिए फिलहाल न तो कोई अधिकारिक कार्यक्रम रखा गया और न ही उसकी घोषणा की गई। संगठन भी मानता है कि कार्यकर्ताओं को दो महीने तक पूरी तरह से एक्टिव रखना मुश्किल है। अभी से रण में झोंक दिया तो वोटिंग तक पूरी तरह से पस्त हो जाएंगे और मन लगाकर काम भी नहीं कर सकेंगे, इसलिए उम्मीद्वार घोषित होने के बाद फिर से सक्रिय किया जाएगा ताकि वोटिंग तक पूरी एनर्जी से काम कर सकें।
पहले ही था असंतोष चुनाव घोषणा के पहले भाजपा ने एक महीने तक जो अलग-अलग कार्यक्रम करवाए उसको लेकर कार्यकर्ता और पदाधिकारी ज्यादा खुश नहीं थे। एक के बाद एक होने वाले कार्यक्रमों ने उन्हें सांस लेने तक की फुर्सत नहीं दी। ऐसे में छोटे कार्यकर्ता तो यह भी कहने लगे थे कि अपना काम-धंधा नहीं करें क्या? अब जबकि चुनाव की तारीख लंबी खिंच गई तो कार्यकर्ता पार्टी और चुनाव को भुला सामान्य दिनचर्या में लग गए।