दो नंबरी निकले जीतू यादव के दो पते, खाता एक-एक, प्रॉपर्टी और वाटर टैक्स में किया बड़ा खेल
BJP expelled MLA Jitu Yadav: गुंडों को संरक्षण देने वाला भाजपा से निष्कासित पार्षद जीतू यादव टैक्स चोर भी है। वह नगर निगम को ही बड़ी चपत लगा रहा है… सामने आया ये बड़ा कारनामा..
BJP expelled MLA Jitu Yadav: गुंडों को संरक्षण देने वाला भाजपा से निष्कासित पार्षद जीतू यादव टैक्स चोर भी है। वह नगर निगम को ही चपत लगा रहा है। निगम के दो मूल टैक्स संपत्तिकर और जलकर में उसने ‘खेल’ कर रखा है। ननि रिकॉर्ड में जीतू और उसके पिता जगनलाल के नाम से खाते हैं। इन दोनों में पते अलग-अलग हैं। जीतू के पिता के नाम पर 1224, कुलकर्णी भा के पते पर जलकर खाता है। इस पते पर संपत्तिकर खाता नहीं है। इसी तरह से 482, शीलनाथ कैंप कुलकर्णी भा के पते पर संपत्तिकर खाता जितेंद्र पिता जगनलाल देवतवार नाम से है। इस पर जलकर खाता नहीं है। यानी एक पते से संपत्तिकर तो एक से जलकर राशि जमा नहीं की जाती।
संपत्तिकर की चोरी
नगर निगम में जितेंद्र पिता जगनलाल देवतवार के नाम से एक खाता है, जिसमें मकान नंबर 482, शीलनाथ कैंप का पता दर्ज है। संपत्तिकर रिकॉर्ड में इस पते पर प्लॉट है। 1800 वर्गफीट के इस ह्रश्वलॉट का सालाना टैक्स महज 356 रुपए होता है। जीतू तीन मंजिला मकान में रहता है और चुनाव आयोग में अपना पता 1224, कुलकर्णी भत्ता बता रखा है। इस पते पर संपत्तिकर जमा होना तो दूर उसका खाता ही नहीं है।
3 मंजिला मकान का सालाना टैक्स 2 हजार से भी ज्यादा होता है। जीतू और पिता के नाम पर मौजूद संपत्तिकर और जलकर खातों में नियमित पैसा जमा नहीं किया जाता। इन दोनों खातों में आखिरी बार वर्ष 2022-23 में पैसा जमा किया गया, क्योंकि 2022 जुलाई में नगर निगम चुनाव थे।
‘सिंह’ की तरह दहाड़ने के बजाय धारण कर बैठे ‘संतोष’
गुंडे-बदमाशों में अपनी ‘स्टाइल’ से धमक-चमक कायम करने वाले व आमजन में सिंघम की छवि बनाने वाले पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह की जीतू यादव-कमलेश कालरा हमला विवाद केस में चुप्पी समझ से परे है। पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह मामले में जवाब देने से बच रहे हैं। पुलिस का दोहरा रवैया सामने आ रहा है। घटना के 17 दिन बाद भी जीतू पर केस तक दर्ज नहीं हुआ है। जोन-4 डीसीपी ऋषिकेश कुमार मीना का तर्क है, जीतू मिलेगा तो वॉइस सैंपल लेंगे।
बड़ा सवाल: जीतू गायब, सैंपल कब-कैसे लेगी पुलिस?
4 जनवरी को हुए हमले की वारदात के बाद पीडि़त पार्षद परिवार जीतू की कॉल रिकॉर्डिंग पुलिस को पहले ही दे चुके हैं। बावजूद जीतू को आरोपी बनाने से पुलिस बच रही है। केस ठंडे बस्ते में डालने पुलिस ने तकनीकी जांच का हवाला दिया। कौन-सा दबाव… जीतू को आरोपी बनाए जाने को लेकर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह से पत्रिका ने सवाल पूछे तो उन्होंने खुद जवाब देने की बजाय डीसीपी से बात करने को कह दिया। जीतू कब पकड़ा जाएगा, कब आरोपी बनेगा? इस पर उन्होंने स्थिति साफ नहीं की।
खातों में गड़बड़ी तो हम कराएंगे जांच
संपत्तिकर और जलकर सभी को जमा करना होता है। यदि नियमित जमा नहीं हो रहा है तो हम उस पर सरचार्ज लगाते हैं। संपत्तिकर-जलकर खातों में गड़बड़ी है तो हम उसकी जांच करवा लेंगे।